बिहार : त्रिपोलिया हॉस्पिटल के नियमानुसार महिलाएं रक्तदान नहीं कर सकती - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 1 जून 2018

बिहार : त्रिपोलिया हॉस्पिटल के नियमानुसार महिलाएं रक्तदान नहीं कर सकती

  • और इस तरह महिला चुनौती ही खत्म कर दी

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पटना.पटना सिटी में है विख्यात  त्रिपोलिया हॉस्पिटल.होली कॉस सिस्टरों द्वारा संचालित है.यहां पर जेनरल नर्सिंग और ए.एन.एम.का प्रशिक्षण केंद्र है.यहां पर अभी 15 दिनों के मासूम बच्चे को 50 एमएल रक्त चढ़ाने की जरूरत है.बच्चे का ग्रुप O+ है. एक महिला O+ ब्लड देने गयी थीं.महज महिला होने के नाते ब्लड देने से रोक देने की खबर है. प्राप्त जानकारी के अनुसार  मास्टर ऑफ सोशल वर्क (एमएसडब्ल्यू) की  सहपाठी अपराजिता जी ब्लड देना चाह रही थीं. वह त्रिपोलिया हॉस्पिटल में  रक्तदान करने पूर्वाह्ण 10:12 पहुँच गयी.उसके बाद हॉस्पिटल कर्मियों का कहना है आप महिला हैं इसके आलोक में  आपसे ब्लड नहीं लिया जा सकता हैं.यह लिंगभेदी बात सुनकर अपराजिता पराजित हो गयी. जबकि उनका हीमोग्लोबिन, वजन, उम्र आदि रक्तदान करने लिए   बिल्कुल उपयुक्त था.महज महिला होने के कारण अपराजिता को ब्लड  देने से वंचित कर दी गयी.तब वह सवाल उठाती हैं कि यह क्या उचित है?

 गौर तलब है कि अपराजिता ने अपने पूरे शरीर की जाँच 7 दिन पहले करायी थीं.अपराजिता ने अपनी सारी जाँच रिपोर्ट दिखायी. गॉड के लिए आप बच्चे की जिन्दगी बचाने के लिए मेरा रक्तदान होने दीजिए. यहां के जिद्दी कर्मी कहने लगे कि आपको जो भी दिखाना है वह दिखाते रहें परन्तु हमारे त्रिपोलिया हॉस्पिटल का रूल है कि किसी भी महिला का रक्तदान नहीं लिया जा सकता हैं.हां, आपके लिए हम रूल तोड़ नहीं सकते.अपराजिता उदास होकर द्यर वापस आ गयी. हॉस्पिटल रूल के कारण रक्तदान करने मे पराजित होने वाली अपराजिता समझ नहीं पा रही हैं कि एक महिला होना क्या बड़ा गुनाह है कि वह किसी भी नन्हें बच्चे की जान बचाने लायक भी नहीं ठहरी. इस आधुनिक युग में महिलाओं द्वारा हर क्षेत्र में चुनौती बनकर उभरी हैं.यहां पर रूल बनाकर महिला चुनौती को ही समाप्त कर दी गयी है. महिलाएं अपना रक्तदान नहीं कर सकती हैं.जबकि मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार रक्तदान करने के लिए वह पूरी तरह  दक्ष हैं. फेसबुक पर बमबम जुड़े हैं.वाट्स-अप पर' ह्मुमननाटी फोर' से जुड़े हैं बमबम.जरुरतमंद लोगों को रक्त उपलब्ध कराने का प्रयास करते हैं.इनके अनेक रक्तदाता हैं.इनमें महिला-पुरूष शामिल हैं. जब इस बाबत होली कॉस की सिस्टर जर्मिना केरकेट्टा से जानकारी चाही  तो उनका कहना है कि ' मैं विश्वास नहीं करती.' इतना ही जवाब दी हैं.

आलोक कुमार

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