- प्रसंग जर्जर हो चुके इंदिरा आवासों को केंद्र सरकार निर्माण करें
- अगर केंद्र सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना से निर्मित नहीं करती तो राज्य सरकार नई नीति लाकर आवास बनाएंगी
कुर्सेला. इस प्रखंड के जन प्रतिनिधियों का कहना है 1980 में राष्ट्रीय ग्रामीण नियोजन कार्यक्रम और 1983 में ग्रामीण भूमिहीन ग्रारंटी कार्यक्रम के तहत महादलितों का निर्मित मकान जर्जर हो गया है. यहां पर जन प्रतिनिधियों का दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया. इसका आयोजक प्रगति ग्रामीण विकास समिति, पटना और प्रायोजक इंडो ग्लोबल सोशल सर्विस सोसायटी है. वहीं सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि वर्ष 1980 से देशभर में लागू राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार कार्यक्रम व वर्ष 1983 में ग्रामीण भूमिहीन रोजगार गारंटी कार्यक्रम द्वारा महादलितों का निर्मित मकान जर्जर हो गया है.इसके आलोक में जर्जर मकानों को तोड़कर इंदिरा आवास योजना/प्रधानमंत्री आवास योजना से मकान बना दिया. इस पर प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संज्ञान लिया है.मुख्यमंत्री ने कहा है कि तीन दशक पहले (85-86) में निर्मित जर्जर हो चुके इंदिरा आवासों का केंद्र सरकार फिर से निर्माण कराए.अगर केंद्र सरकार इन्हें नहीं बनाती है तो राज्य सरकार अपनी निधि से नई नीति लाकर इनका निर्माण कराएगी.इंदिरा आवास योजना अब प्रधानमंत्री योजना हो गई है.इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबों के लिए बनने वाले आवास में केंद्र की हिस्सेदारी साठ प्रतिशत और राज्य सरकार की चालीस प्रतिशत है.प्रधानमंत्री आवास योजना -ग्रामीण के तहत आवासों की स्वीकृति व राशि की विमुक्ति को लेकर स्थानीय अधिवेशन भवन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने यह बात कही. वहीं प्रगति ग्रामीण विकास समिति के कुर्सेला प्रखंड के समन्वयक प्रदीप कुमार ने कहा है कि बहुत महादलित समुदाय के लोग हैं जो मकान बनाते-बनाते अधूरा मकान रह गया है.उसको पूरा करने के लिए 50 हजार रू.का विशेष पैकेज दिया जायं ताकि मकान पूर्ण कर सके।आगे कहा कि कटिहार, पटना, नालंदा, गया,भोजपुर, बक्सर आदि जिले में 1980 और 1983 में घोषित कार्यक्रम से मकान बना है.जो जर्जर मकान हो गया है.अपनी नई नीति में शामिल कर लें.
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