बिहार : ऐतिहासिक गिरजाघर है पटना सिटी के खाजेकंला स्थित पादरी की हवेली - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 28 जुलाई 2018

बिहार : ऐतिहासिक गिरजाघर है पटना सिटी के खाजेकंला स्थित पादरी की हवेली

  • बिहार में सबसे प्राचीन चर्चों में शुमार है द ब्लेस्ड वर्जिन मेरी कैथेड्रल 
  • नेपाल नरेश पृथ्वी नारायण के पुत्र बहादुर शाह ने 1782 में घंटा उपहार स्वरूप चर्च को दिया

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पटना सिटी।बिहार सरकार ने 'पादरी की हवेली' को पर्यटन स्थल घोषित कर रखा है।इसमें बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अल्पसंख्यक विभाग का उपाध्यक्ष सिसिल साह योगदान उल्लेख्य है। अब सिसिल इस पर्यटन स्थल के सौंदर्यीकरण   करने की दिशा में कार्य करेंगे।

पादरी की हवेली के बारे में जाने
बिहार में ईसाई समुदाय अल्पसंख्यक हैं।ईसा मसीह के समक्ष माथा झुकाने व आराधना करने की जगह नहीं थी।तब पटना सिटी के खाजेकंला इलाके में रोमन कैथोलिक समुदाय का गिरजाघर पादरी की हवेली निर्माण हुआ।जो आज सबसे प्राचीन चर्च होने का गर्व हासिल कर लिया।दक्षिणाभिमुख यह चर्च 74 फीट लम्बा, 40 फीट चौड़ा और 50 फीट ऊंचा है।इसका अंदरुनी भाग कॉरी न्थियन शैली में है।ऊंचे आयोनिक स्तंभों वाला भव्य गिरजा सिन्योर ती ,जो वेनिस का एक वास्तुकार था,ने डिजाइन किया था और रेवरेंड फादर जोसेफ ऑफ रोवेटो के कार्यकाल में 1772 से 1779
 के बीच बना था। 

'मरिया' कहलाने वाला विशाल घंटा
द ब्लेस्ड वर्जिन मेरी कैथेड्रल के बाहर मां मरियम के ग्रोटों के पीछे विशाल घंटा है।इसका घंटा का नाम 'मरिया' है। आज भी इसका प्रयोग लोगों को सर्विस में बुलाने के लिए बजाया जाता है।एक समय घंटा गिर गिरजाघर में था।नेपाल नरेश पृथ्वी नारायण के पुत्र बहादुर शाह ने 1782 में घंटा को उपहार स्वरूप दिया था।

यहां पर 1620 में रहे हैं फादर साइमन फिगुएर्दो
पटना में रहने वाले ईसाई मिशनरी के रूप में फादर साइमन फिगुएर्दो का नाम आता है,जो 1620 के दौरान रहे थे। यूएसए की मेडिकल मिशन सिस्टरों ने यहां 1939 में होली फैमिली अस्पताल खोला। नोवेल विजेता और संत टेरेसा 1948 में इस अस्पताल से तीन माह तक आधारभूत चिकित्सा प्रशिक्षण लेने के लिए जुड़ी रही।

बंगाल के गवर्नर मीर कासिम 
बंगाल के गवर्नर थे मीर कासिम। उस समय इनके सिपाहियों से लोग खौफ खाते थे। उस वक्त के पुरोहित भी भयभीत थे। डर के मारे फादर ने ऐतिहासिक गिरजाघर की सीढ़ी के बगल से जमीन खोदकर सुरंग बना दिए। यहां से गंगा नदी तक सुरंग बनायी गयी। गिरजाघर की सीढ़ी के बगल में निर्मित सुरंग में प्रवेशकर गंगा नदी के किनारे आकर स्टीमर पर चढ़कर सुरक्षित जगह में पहुंच सके। वहीं अपना रोजमर्रा के समान भी खरीदने जाते थे।उस समय बिहार में बंगाल, उड़ीसा, यूपी ,झारखंड सभी मिले थे उस समय मीर कासिम ,गवर्नर के सिपाहियों द्वारा बहुत कहर बरपाया जाता था।

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