समलैंगिकता अप्राकृतिक : सुब्रह्मण्यम स्वामी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 10 जुलाई 2018

समलैंगिकता अप्राकृतिक : सुब्रह्मण्यम स्वामी

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नयी दिल्ली , 10 जुलाई, राज्यसभा सदस्य सुब्रह्मण्यम स्वामी ने आज समलैंगिकता को ‘ अप्राकृतिक ’ बताते हुए कहा कि यह व्यक्ति में ‘ अनुवांशिक खोट ’ है और इसका जश्न मनाने की इजाजत नहीं दी जा सकती है।  स्वामी ने कहा कि इसकी अनुमति देने से समलैंगिक बारों की स्थापना होगी जो कुछ अमेरिकी निवेशक भारत में करना चाहते हैं।  भाजपा के वरिष्ठ नेता ने यह टिप्पणी उस दिन की है जब उच्चतम न्यायालय ने समान लिंग वाले दो वयस्कों के बीच सहमति से बने यौन संबंधों का गैर आपराधिकरण करने की मांग करने वाली कई याचिकाओं पर अहम सुनवाई शुरू की है।  उन्होंने कहा , ‘‘ समान लिंग के व्यक्ति के साथ यौन संबंध बनाना अप्राकृतिक है। हिन्दू परंपरा में हम उनकी दुर्दशा से सहानुभूति रखते हैं , लेकिन हमने उन्हें कभी इसका जश्न मनाने की इजाजत नहीं दी और कहा कि ये पसंद का मामला है। ’’  स्वामी ने कहा कि लैंगिक झुकाव के आधार पर लोगों की सामान्य सामाजिक बातचीत और आर्थिक मामलों में उनके साथ भेदभाव नहीं करना चाहिए।  राज्यसभा के नामित सदस्य ने कहा , ‘‘ उनमें इसके अलावा और कोई खोट नहीं है। मैं इसके भी खिलाफ हूं कि पुलिस किसी के शयनकक्ष में जाए और जांचे कि व्यक्ति पुरुष है या महिला। ’’  प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली पांच न्यायाधीशों की पुनर्गठित संवैधानिक पीठ भारतीय दंड संहिता की धारा 377 को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। यह धारा समान लिंग के दो वयस्कों के बीच सहमति से बने यौन संबंधों को अपराध बनाता है। 

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