मुंबई, 3 जुलाई, महाराष्ट्र सरकार ने न्यायाधीश बी.एच.लोया की मौत के मामले में सर्वोच्च न्यायालय में राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ वकील मुकुल ए.रोहतगी को 1.21 करोड़ रुपये भुगतान करने का निर्णय लिया है। सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत पूछे गए एक सवाल के जवाब में इसका खुलासा हुआ है। आरटीआई कार्यकर्ता जतिन देसाई ने कहा कि राज्य सरकार ने पूर्व सॉलीसिटर जनरल व वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे के अलावा देश के पूर्व महान्यायवादी मुकुल रोहतगी को मामले में विशेष अभियोजक के तौर पर नियुक्त किया था। जतिन देसाई ने कहा, "अप्रैल में प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता में शीर्ष अदालत की पीठ ने सीबीआई के विशेष न्यायाधीश लोया की मौत की परिस्थितियों की जांच की मांग वाली कुछ याचिकाओं खारिज कर दिया था।" उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र का प्रतिनिधित्व करते हुए रोहतगी लोया मामले में 11 बार सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत हुए। इसके लिए राज्य सरकार ने उनके पेशेवर शुल्क के तौर पर प्रति सुनवाई 11 लाख रुपये भुगतान की मंजूरी दी। राज्य सरकार का यह फैसला गृह विभाग के 11 जून 2018 के आदेश के तहत आया है। इस आदेश की प्रति आरटीआई जवाब में दी गई है। गृह विभाग की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के पास है। जतिन देसाई ने कहा कि राज्य सरकार ने हरीश साल्वे को भुगतान किए गए पेशेवर शुल्क से जुड़ी सूचना अभी तक नहीं दी है। देसाई ने कहा, "रोहतगी के लिए मंजूर किए गए पारिश्रमिक की सूचना पहली ही अपील में उपलब्ध करा दी गई। इसलिए अब मैं साल्वे के लिए अपील करने की योजना बना रहा हूं।"
बुधवार, 4 जुलाई 2018
महाराष्ट्र सरकार लोया मामले में 1.21 करोड़ का भुगतान वकील को करेगी
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