लोकसभा अध्यक्ष को उम्मीद, अगली लोकसभा में संसद के नए भवन के निर्माण प्रस्ताव पर अमल होगा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।


सोमवार, 16 जुलाई 2018

लोकसभा अध्यक्ष को उम्मीद, अगली लोकसभा में संसद के नए भवन के निर्माण प्रस्ताव पर अमल होगा

next-parliament-will-make-new-building-sumitra-mahajan
नयी दिल्ली, 15 जुलाई , लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने उम्मीद जताई है कि अगली लोकसभा के गठन के बाद संसद के नए भवन के निर्माण के प्रस्ताव पर अमल हो सकेगा ।  सुमित्रा महाजन ने कहा, ‘‘ संसद के नए भवन के निर्माण के विषय पर शहरी विकास मंत्रालय के साथ दो बैठक हुई हैं । हमने नए भवन के लिए कुछ वैकल्पिक स्थलों के बारे में भी सुझाव दिया है। ’’  उन्होंने कहा कि अब तो चुनावी वर्ष में प्रवेश कर गए हैं। लोकसभा चुनाव में ज्यादा समय नहीं बचा है । ‘‘ उम्मीद करते हैं कि अगली लोकसभा के गठन के बाद संसद के नए भवन के निर्माण के प्रस्ताव पर अमल हो सकेगा । ’’  लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि आवश्यकताओं के अनुरूप वर्तमान संसद भवन छोटा पड़ रहा है । सदस्यों ने भी कहा है कि उन्हें बैठने में दिक्कत होती है, लेकिन इस भवन में सीटों की संख्या नहीं बढ़ा सकते ।  उन्होंने कहा कि अगली जनगणना के बाद अगर सदस्यों की संख्या बढ़ाने का विषय आया, तो इस पर अमल में समस्या आयेगी ।  सुमित्रा महाजन ने कहा कि संसद भवन 100 साल पुराना हो चुका है, इसकी मरम्मत कराने में भी डर लगता है । हालांकि रखरखाव और मरम्मत के काफी कार्य हुए हैं ।  अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने नौ दिसंबर 2015 को तत्कालीन शहरी विकास मंत्री एम वैंकेया नायडू को पत्र लिखा था ।  उन्होंने लिखा था कि वर्तमान भवन ग्रेड 1 हेरिटेज बिल्डिंग है और यह पुराना हो रहा है । मरम्मत में बाधाएं आने के साथ ही स्टाफ के काम में भी दिक्कत आने लगी है । इसके चलते नए भवन की जरूरत महसूस की जा रही है ।  संसद भवन के लिए स्थान भी सुझाए गए हैं। इनमें से एक वर्तमान संसद परिसर में ही प्लॉट नंबर 118 है। हालांकि यहां नए भवन के निर्माण पर कुछ सुविधाओं और सेवाओं को स्थानांतरित करना पड़ेगा। दूसरा स्थान राजपथ के दूसरी ओर है। संसद भवन का निर्माण वर्ष 1921 में शुरू हुआ था। निर्माण पूरा होने के बाद यहां वर्ष 1927 से कामकाज शुरू हुआ। उस समय सुरक्षाकर्मियों, कर्मचारियों और मीडियाकर्मियों की संख्या तथा संसदीय गतिविधियां सीमित थीं, लेकिन समय के साथ इनमें इजाफा हुआ है।

कोई टिप्पणी नहीं: