नई दिल्ली, 3 जुलाई, नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने मंगलवार को यहां कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था एक बड़े सुधार से गुजर रही है और पिछले कुछ वर्षो से सरकार की तरफ से उठाए गए कदमों के कारण अगले वर्ष से इसकी दर आठ प्रतिशत से अधिक होगी। कुमार ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "मैं समझता हूं कि इन सभी सुधारों, उठाए गए कदमों के कारण, हम एक बड़े सुधार की प्रक्रिया को पूरा करने वाले हैं। मैं समझता हूं कि हम अगले वर्ष से 7.5 प्रतिशत की वृद्धि दर के स्थान पर आठ प्रतिशत और इससे भी अधिक की वृद्धि दर हासिल करेंगे। हम 2022 तक 8.5-9 प्रतिशत वृद्धि दर चाहते हैं और इसे बरकरार रखना चाहते हैं।" उन्होंने कहा कि यह बात वह व्यापक आर्थिक संतुलनों के आधार पर कह रहे हैं। कुमार ने कहा, "यह मत भूलिए कि हमें विरासत में एक ऐसी अर्थव्यवस्था मिली थी, जो दलदल में फंसी हुई थी। पूर्व के वर्षो में वृद्धि दर घट गई थी। जून 2014 में समाप्त हुई तिमाही में वृद्धि दर 5.6 प्रतिशत थी।" उन्होंने कहा, "और वहां से वृद्धि दर पिछली तिमाही में 7.7 प्रतिशत हुई है और 2018-19 की तिमाही में वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत रह सकती है, और यह पांच प्रतिशत से कम खुदरा महंगाई, 3.87 प्रतिशत खाद्य महंगाई, 400 अरब डॉलर रिजर्व के साथ टिका हुआ है। चालू खाता घाटा नियंत्रण में है और राजकोषीय घाटा 2014 के 6.4 प्रतिशत के मुकाबले 3.3 प्रतिशत है। ऐसा कहने के पीछे के मेरे आत्मविश्वास की वजह यही सब है।" उन्होंने कहा कि पिछले चार सालों के दौरान अर्थव्यवस्था व्यापक तौर पर औपचारिक हुई है और दोहरी व्यवस्था काफी हदतक समाप्त हुई है। उन्होंने कहा, "मैं समझता हूं कि औपचारिक और अनौपचारिक के बीच - जो कर देते हैं और जो नहीं देते हैं, उनके बीच मौजूद दोहरी व्यवस्था एक व्यापक रूप से बदलने लगी है, क्योंकि प्रत्यक्ष कर आधार दो वर्षो में 40 लाख तक बढ़ गया है।" कुमार ने कहा कि ये सारी चीजें भारत को वैश्विक उत्पादन नेटवर्क के साथ काफी बेहतर तरीके से एकीकृत करने में मदद करेंगी और प्रतिस्पर्धात्मकता प्रस्तुत करेंगी, और इस तरह एक उच्च वृद्धि दर का आधार तैयार होगा, जो आठ प्रतिशत से ऊपर होगा।
मंगलवार, 3 जुलाई 2018
अगले वर्ष से अर्थव्यवस्था की रफ्तार 8 फीसदी से ज्यादा होगी
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