नई दिल्ली, 29 अगस्त, सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को महाराष्ट्र के भीमा-कोरेगांव की घटना के सिलसिले में गिरफ्तार पांच मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को छह सितंबर को अगली सुनवाई होने तक उनके घरों में ही नजरबंद रखने का आदेश दिया। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली उच्चतम न्यायालय की पीठ ने प्रख्यात इतिहासकार रोमिला थापर और चार अन्य लोगों की ओर से मंगलवार को की गई गिरफ्तारी को चुनौती देते दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए गिरफ्तार कार्यकर्ताओं को बड़ी राहत प्रदान करते हुए उन्हें नजरबंद रखने का आदेश दिया। न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ ने कार्रवाई पर निराशाजनक विचार जाहिर करते हुए कहा, "असहमति ही लोकतंत्र का सुरक्षा वाल्व है। अगर यह नहीं होगा तो प्रेसर कुकर फट जाएगा।" उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के भीमा-कोरेगांव में हुई हिंसा से जुड़े कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी घटना के नौ महीने बाद ह़ुई है।वकील प्रशांत भूषण ने बाद में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र और महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी किया है। हैदराबाद में वरवर राव, दिल्ली में गौतम नवलखा, हरियाणा में सुधा भारद्वाज और महाराष्ट्र में अरुण फरेरा और वेरनोन गोंजैल्वस को मंगलवार को इस घटना के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार कार्यकर्ताओं को पुणे लाया जाना था लेकिन अब उनको उनके ही घरों में नजरबंद रखा जाएगा।
गुरुवार, 30 अगस्त 2018
![](https://1.bp.blogspot.com/-7Kd9qaiRHuA/WaEtZyc70TI/AAAAAAAADsA/7WUYBVoY-UwwjdEP3kDFPvH9htN0dDKgQCLcBGAs/s1600/demo-image.jpg)
गिरफ्तार कार्यकर्ताओं को 6 सितंबर तक नजरबंद रखा जाए : उच्चतम न्यायालय
Tags
# देश
Share This
About आर्यावर्त डेस्क
देश
Labels:
देश
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Author Details
सम्पादकीय डेस्क --- खबर के लिये ईमेल -- editor@liveaaryaavart.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें