हरिवंश का पत्रकारिता से उच्च सदन के उपसभापति तक का सफर - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शुक्रवार, 10 अगस्त 2018

हरिवंश का पत्रकारिता से उच्च सदन के उपसभापति तक का सफर

harivansh-journy
नयी दिल्ली, नौ अगस्त, राज्यसभा में आज राजग के उम्मीदवार के रूप में उपसभापति पद पर निर्वाचित हुए हरिवंश सामाजिक सरोकार की पत्रकारिता से जुड़े रहे हैं और राजनीति में वह जयप्रकाश नारायण के आदर्शों से प्रेरित हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज उच्च सदन में उन्हें उपसभापति पद पर निर्वाचित होने के बाद बधाई देते हुए कहा कि वह ‘समाज-कारण’ से जुड़े रहे और ‘राज-कारण’ से दूर रहे हैं। उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के सिताबदियारा गांव में 30 जून, 1956 को जन्मे हरिवंश को जयप्रकाश नारायण (जेपी) ने सबसे ज्यादा प्रभावित किया। उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में एमए और पत्रकारिता में डिप्लोमा की पढ़ाई की। पढ़ाई के दौरान ही मुंबई में उनका ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ समूह में प्रशिक्षु पत्रकार के रूप में 1977-78 में चयन हुआ। वह टाइम्स समूह की साप्ताहिक पत्रिका ‘धर्मयुग’ में 1981 तक उपसंपादक रहे। उन्होंने 1981 -84 तक हैदराबाद एवं पटना में बैंक ऑफ इंडिया में नौकरी की। 1984 में उन्होंने पत्रकारिता में वापसी की और 1989 अक्तूबर तक आनंद बाजार पत्रिका समूह से प्रकाशित ‘रविवार’ साप्ताहिक पत्रिका में सहायक संपादक रहे। हरिवंश ने वर्ष 1990-91 के कुछ महीनों तक तत्कालीन प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के अतिरिक्त सूचना सलाहकार (संयुक्त सचिव) के रूप में प्रधानमंत्री कार्यालय में भी काम किया। ढाई दशक से अधिक समय तक ‘प्रभात खबर’ के प्रधान संपादक रहे हरिवंश को नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड ने राज्यसभा में भेजा। उन्हें बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू के अध्यक्ष नीतीश कुमार का बेहद करीबी माना जाता है। राज्यसभा में आज उपसभापति पद के लिए हुए चुनाव में हरिवंश को 125 और उनके समक्ष खड़े हुए विपक्ष के उम्मीदवार बी के हरिप्रसाद को 105 मत मिले। उपसभापति पद पर निर्वाचित होने के बाद उन्हें सभी दलों के नेताओं ने बधाई दी। किंतु प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें बधाई देते समय उनके जीवन के कई महत्वपूर्ण और लगभग अपरिचित पहलुओं का भी दिलचस्प ढंग से उल्लेख किया। हरिवंश ने कई पुस्तकें लिखी और संपादित की हैं। इनमें ‘दिसुम मुक्तगाथा और सृजन के सपने’, ‘जोहार झारखंड’, ‘झारखंड अस्मिता के आयाम’, ‘झारखंड सुशासन अभी भी संभावना है’, ‘बिहार रास्ते की तलाश’ शामिल हैं।

कोई टिप्पणी नहीं: