दुमका : भूमि की खरीद-बिक्री व हस्तांतरण का गैर जनजातियों को पूर्ण प्राप्त हो : सदान एकता परिषद् - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 5 अगस्त 2018

दुमका : भूमि की खरीद-बिक्री व हस्तांतरण का गैर जनजातियों को पूर्ण प्राप्त हो : सदान एकता परिषद्

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दुमका (आर्यावर्त डेस्क) गैर जनजातियों की जमीन के हस्तांतरण व बिक्री से संबंधित जनजातीय परामर्श दातृ समिति द्वारा लिये गए निर्णयों का स्वागत करते हुए (सदान एकता परिषद् संताल परगना प्रमण्डल) दुमका के केन्द्रीय अध्यक्ष राधेश्याम वर्मा ने कहा कि यह पहल सकारात्मक है किन्तु सरकार के समक्ष भेजे गए प्रस्ताव में सिर्फ रैयत/ रैयतों के बीच ही खरीद-बिक्री अथवा हस्तांतरण पूर्णतः अनुचित है जिसे सदान एकता परिषद् पूरी तरह से खारिज करती है। परिषद् के अन्य नेताओं विजय सोनी, जवाहर मिश्रा व कामेश्वर मंडल की मौजूदगी में केन्द्रीय अध्यक्ष राधेश्याम वर्मा ने कहा कि संताल परगना में टीएसी की उपसमिति द्वारा तमाम जिलों में भूमि हस्तांतरण पर सलाह ली जा रही थी। गैर जनजातीय समुदाय के सभी वर्गों ने भूमि की खरीद-बिक्री के सवाल पर उन्हें पूर्ण अधिकार दिये जाने की मांग की थी। टीएसी के वर्तमान प्रस्ताव से रैयतों को वह स्वतंत्रता प्राप्त नहीं हो रही जिसकी आवाज बुलन्द की जाती रही है। श्री वर्मा ने सवाल उठाते हुए कहा कि पूरे राज्य में गैर जनजातियों की आबादी 74-75 प्रतिशत है। जब 25-26 प्रतिशत जनजातीय समुदाय के लिये टीएसी का गठन किया जा सकता है तो फिर उनके लिये क्यों नहीं जिनकी आबादी इस राज्य में जनजातियों से तीन गुना अधिक है ? उन्होंने कहा जब से झारखण्ड अलग राज्य बना, गैर जनजातियों के मौलिक व संवैधानिक अधिकारों पर निरंतर प्रहार किया जाता रहा। मुख्यधारा से गैर जनजातियों को दूर रखा जाता रहा। उन्होंनंे कहा कि झारखण्ड के छः जिलों में पिछड़े वर्गों का प्रतिनिधित्व 45 से 50 प्रतिशत तक है। उन जिलों में जिला आरक्षण रोस्टर शून्य कर तमाम सरकारी नौकरियों में उन्हें आरक्षण के लाभ से वंचित रखा गया है।  गैर जनजातियों के लिये परामर्श दातृ समिति का गठन करते हुए सदान एकता परिषद् के केन्द्रीय अध्यक्ष राधेश्याम वर्मा ने सूबे की रघुवर सरकार से मांग की है कि भूमि के हस्तांतरण व उसकी खरीदः/ बिक्री का पूर्ण अधिकार भूस्वामी को प्रदान करते हुए जमाबंदी रैयत/ रैयतों के बीच ही हस्तांतरण व खरीद/ बिक्री की बंदिशों को समाप्त करने, जमाबंदी जमीन पर दानपत्र के आधार पर वर्षों से बसोबास कर रहे लोगों को उक्त जमीन का रैयत घोषित करने,  अनुसूचित क्षेत्रों (शिड्यूल एरिया) का निर्धारण नये सिरे से करने,  संवैधानिक अधिकारों से पिछड़े तबकों को वंचित न रखने, पंचायतों को जनसंख्या के आधार पर आरक्षित करने व संताल परगना प्रमण्डल के विभिन्न जिलों में किसानों के लिये समुचित सिचाई का प्रबंध की मांग भी सदान एकता परिषद् द्वारा सरकार से की गई है। 

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