विचार : अनूप जलोटा को लेकर तरह-तरह की टिप्पणियां - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

मंगलवार, 25 सितंबर 2018

विचार : अनूप जलोटा को लेकर तरह-तरह की टिप्पणियां

anup-jalota-rumors
अनूप जलोटा को लेकर तरह-तरह की टिप्पणियां सोशल-मीडिया पर आ रही हैं।कुछ तो उनके पक्ष में हैं और कुछ उनके विपक्ष में।सौ बात की एक बात है कि व्यक्ति जिस तरह से जीना चाहें,जियें।यह उसका अपना निर्णय है।मगर इस ‘जीने’ की नुमाइश क्यों? सार्वजनिक रूप में जब आप अपने ऐसे अव्यवहारिक/गैर पारंपरिक सम्बन्धों की नुमाइश करते हैं तो मन का खिन्न हो जाना स्वाभाविक है।खास तौर पर जब गुरु ही ऐसी हरकत करे! गुरु-शिष्य के पावन रिश्ते को ऐसे प्रकरण कलंकित ही करते हैं,मान-सम्मान नहीं बढाते और न ही चार चांद लगाते हैं।ऐसे सम्बन्धों का टीवी पर प्रचार कर हम समाज और युवापीढ़ी को क्या संदेश देना चाहते हैं? गौर करिये,अब अगर मेरा कोई शिष्य मुझसे इस प्रेम संबंध की वैधता/अवैधता के बारे पूछे, तो मैं क्या जवाब दूँ उसे? ध्यान रहे जब एक सेलिब्रिटी अपने सम्बन्धों की खुले-आम प्रदर्शनी लगाता है तो उंगली तो उठेगी ही।घर की चार दीवारी में आप कुछ भी करें,किसी को कोई लेना-देना नहीं होना चाहिए।बाहर खुले में एक बहुचर्चित चैनल पर यह तमाशा अवांछित ही नहीं गुरु शिष्य के पावन सम्बन्ध पर बट्टा भी है।जनता के प्रेम,स्नेह और आदरभाव ने जलोटा को सेलिब्रिटी बनाया है।अतः जनता का यह हक भी बनता है कि वह इस तमाशे/नुमाइश पर उंगली उठाए।घर के आगे कोई कूड़ा फेंके तो आवाज़ तो उठेगी ही।

 (डॉ० शिबन कृष्ण रैणा)

कोई टिप्पणी नहीं: