दुमका : चाइल्ड इन नीड इन्स्टीट्यूट के तत्वावधान में ’’शादी बच्चों का खेल नहीं’’, परियोजना आज से प्रारंभ - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

मंगलवार, 11 सितंबर 2018

दुमका : चाइल्ड इन नीड इन्स्टीट्यूट के तत्वावधान में ’’शादी बच्चों का खेल नहीं’’, परियोजना आज से प्रारंभ

dumka news
दुमका (अमरेन्द्र सुमन) मोर देन ब्राईड्स एलायन्स (एमटीबीए) के सदस्य के रुप में नीदरलैंड के सिमावी के समर्थन से ’’शादी बच्चों का खेल नहीं’’, नामक परियोजना चला रही संस्था सीनी (चाइल्ड इन नीड इन्स्टीट्यूट) बाल विवाह के मूल कारणों एवं उसके दुष्प्रभावों, कम उम्र में गर्भावस्था की जोखिमों, शिक्षा के महत्व व विवाह की उम्र में देरी करने के लाभों से समुदाय को संवेदनशील बनाने पर केन्द्रित प्रखण्ड जामा में भी उक्त परियोजना को प्रारंभ करने जा रही है। यह परियोजना प्रखण्ड के भैरवपुर, आसनजोर, सरसाबाद, चिकनिया, सिमरा, पलासी, खटंगी, छैलापाथर, महुलबना व टंेगधोवा पंचायत के तकरीबन 50 गाँवों में प्रारंभ किया जा रहा है। दिन मंगलवार को आदित्य रेसीडेंसी, दुमका में बाल विवाह पर पत्रकारों की राय व उनकी भूमिका पर आधारित एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर जिला समाज कल्याण पदाधिकारी श्वेता भारती, जामा प्रखण्ड के ओसी संजय मालवीय, सीमी से संजीव, प्रोग्राम मैनेजर सीनी शैलेन्द्र शर्मा, स्नेहाद्री मौजूद थे। जिला समाज कल्याण पदाधिकारी श्वेता भारती ने कहा कि सेविका-सहायिकाओं को जोड़कर इस परियोजना पर काम किया जाए तो यह और भी सार्थक होगा। जामा ओसी संजय मालवीय ने कहा जामा में बाल विवाह की रोकथाम पर कार्य करने जा रही संस्था का स्वागत है। इस कार्यशाला में पत्रकारों से फीडबैक लिया गया ताकि ऐसे कार्यों में उनकी भी सहभागिता सुनिश्चित हो। प्रोग्राम मैनेजर शैलेन्द्र शर्मा ने जानकारी देते हुए कहा कि वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक झारखण्ड की कुल आबादी 3.3 करोड़ है। जिनमें पुरुषों की आबादी 16, 930, 315 व महिलाओं की आबादी 16, 057, 819 है। एनएफएचएस-4 (2015-16) के अनुसार बाल विवाह के मामले में 41. 6 प्रतिशत के साथ पश्चिम बंगाल प्रथम स्थान पर है जबकि 39.1 प्रतिशत के साथ बिहार दूसरे स्थान पर व 38 प्रतिशत के साथ झारखण्ड तीसरे स्थान पर है। लड़कियों को सशक्त बनाना, परिवार व समुदायों को संगठित करना, सेवाएँ प्रदान करना, कानून व नीतियों की स्थापना व कार्यान्वयन सीमी के मासव्यापी कार्यक्रम का अभिन्न हिस्सा होगा। 12 सितम्बर को रैलियाँ, किशोर-किशोरियों के लिये स्वास्थ्य जांच, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता, नुक्कड़ नाटक, फूटबाॅल मैच, जैसी गतिविधियाँ रहेंगी। 18 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों व 21 वर्ष से कम उम्र के लड़कों का विवाह न हो इसपर जागरुकता कार्यक्रम का मुख्य फोकस होगा।

कोई टिप्पणी नहीं: