अलीगढ़, 26 सितम्बर, अलीगढ़ के पूर्व सांसद और वरिष्ठ कांग्रेस नेता चौधरी बृजेन्द्र सिंह ने बुधवार को हरदुआगंज क्षेत्र में पिछले सप्ताह दो ‘इनामी बदमाशों’ के कथित पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने के मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की। सिंह ने यहां संवाददाताओं से कहा कि पिछले गुरुवार को अलीगढ़ में अल्पसंख्यक समुदाय के दो लोगों को पुलिस मुठभेड़ के नाम पर मार डाला गया। यह प्रदेश को ‘अव्यवस्थित करने और देश में साम्प्रदायिक धु्रवीकरण करने की सुनियोजित साजिश है। उन्होंने मांग की कि इस मामले की उच्च न्यायालय के किसी सेवारत न्यायाधीश या सीबीआई से जांच करायी जाए। इस सिलसिले में सभी राजनीतिक दलों को आगे आना चाहिये। इस मामले से जुड़ी सभी कड़ियों, जिनमें हाल के महीनों में अतरौली के आसपास मंदिरों के तीन पुजारियों समेत छह लोगों की हत्या भी शामिल है, की बारीकी से जांच की जानी चाहिये। मालूम हो कि गत 20 सितम्बर को हरदुआगंज थाना क्षेत्र के मछुआ गांव के पास पुलिस ने मुस्तकीम तथा नौशाद नामक इनामी बदमाशों को मुठभेड़ में मारने का दावा किया था। दोनों पर 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित था। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय कुमार साहनी ने दावा किया था कि दोनों अपराधियों ने मरने से पहले अपने बयान में इस महीने के शुरू में हुई दो साधुओं की हत्या के मामले में अपनी संलिप्तता स्वीकार की थी। दूसरी ओर, मुठभेड़ में मारे गए नौशाद की मां शाहीन का कहना था कि उसका बेटा पेशे से मजदूर था और पुलिस ने नौशाद तथा उसके बहनोई मुस्तकीम को पिछले रविवार को अतरौली क्षेत्र में अनेक तमाशबीनों के सामने जबरन उठा लिया था और मुठभेड़ के नाम पर दोनों को मार डाला। वे दोनों बेकुसूर थे।
बुधवार, 26 सितंबर 2018
अलीगढ़ मुठभेड़ कांड की उच्चस्तरीय जांच की मांग
Tags
# उत्तर-प्रदेश
Share This
About आर्यावर्त डेस्क
उत्तर-प्रदेश
Labels:
उत्तर-प्रदेश
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Author Details
सम्पादकीय डेस्क --- खबर के लिये ईमेल -- editor@liveaaryaavart.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें