आर्यावर्त डेस्क,17 सितम्बर ,2018, गांधीनगर, फेक न्यूज़ की वजह से बढ़ते उहापोह की स्थिति,बिगड़ते सामाजिक सौहार्द ,मॉब लिंचिंग जैसी घटनाओं से संज्ञान लेते हुए देश के शीर्ष न्यायालय ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए सभी राज्यों को इससे निपटने के दिशानिर्देश दिए हैं. गुजरात राज्य ने इस पर त्वरित कार्यवाई करते हुए फेक न्यूज़ (फ़र्ज़ी ख़बरें ) और मॉब लिंचिंग (भीड़ की हिंसा )को भारतीय दंड संहिता की धारा 153 ए के तहत गंभीर अपराध मानते हुए तीन साल की सजा का प्रावधान किया है. फेक न्यूज़ की गंभीरता को देखते हुए विगत 4 सितम्बर को वेब न्यूज़ पोर्टल "लाइव आर्यावर्त" ने भी झारखंड की औद्योगिक राजधानी जमशेदपुर में फेक न्यूज़ पर एक सेमिनार आयोजित कर लोगों से फ़र्ज़ी ख़बरों से सावधान रहने और झांसे में नहीं आने का निवेदन किया था.
सोमवार, 17 सितंबर 2018
गुजरात में फेक न्यूज़ अब गंभीर अपराध
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