प्रयाग कुम्भ के अवसर पर योग महाकुम्भ का आयोजन के विषय में हुई चर्चा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 22 सितंबर 2018

प्रयाग कुम्भ के अवसर पर योग महाकुम्भ का आयोजन के विषय में हुई चर्चा

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भारत के कण-कण में योग और अध्यात्म पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी  पर्यटन मंत्री भारत सरकार जे. के. अल्फोंस जी एवं पर्यटन मंत्री उत्तरप्रदेश सरकार श्रीमती रीता बहुगुणा जी की हुई भेंटवार्तासमाहित-पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वतीजी
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ऋषिकेश, 22 सितम्बर। परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज, पर्यटन मंत्री भारत सरकार, जे. के. अल्फोंस एवं पर्यटन मंत्री उत्तरप्रदेश सरकार श्रीमती रीता बहुगुणा की भेंटवार्ता हुई। स्वामी जी महाराज ने आगामी प्रयाग कुम्भ  को स्वच्छ और हरित बनाने, योग से प्रत्येक व्यक्ति को जोड़ने, योगा फाॅर पीस- योगा फाॅर आॅल, योग और आयुर्वेद को विश्व स्तर पर स्थापित करने तथा कुम्भ मेला को ’हरित कुम्भ मेला’ के रूप में विकसित करने पर चर्चा हुई। स्वामी जी महाराज ने कहा कि परमार्थ निकेतन में आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव की तर्ज पर प्रयाग कुम्भ में योग महोत्सव का आयेाजन किया जाये। योग महाकुम्भ महोत्सव ऐसा हो जिसमें विश्व के लगभग 121 देशों के योगियों एवं योग जिज्ञासुओं का सहभाग हो। स्वामी जी ने कहा कि इस कार्य हेतु परमार्थ निकेतन, गंगा एक्शन परिवार और ग्लोबल इण्टरफेथ वाश एलायंस सदैव भारत सरकार के साथ है और मिलकर काम करने के लिये तैयार है। हम सभी मिलकर इस आयोजन को दिव्य रूप से आयोजित कर सकते है। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि भारत एक आध्यात्म से युक्त राष्ट्र है यहां आकर  व्यक्ति स्वतः ही अपने इनर (भीतर) से जुड़ जाता है।  हमें दुनिया से जुड़ने के लिये इंटरनेट की आवश्यकता होती है परन्तु इनरनेट से जुड़ने के लिये कुम्भ जैसे आयोजन इनरनेट से जुड़ने में बहुत बड़े सहायक हो सकते है। यह कुम्भ इंटरनेट और इनरनेट को जोड़ने के लिये बहुत बड़ी उपलब्धि हो सकता है तथा इसके लिये योग, आयुर्वेद, गंगा, यमुना, त्रिवेणी और संगम के तट से संगम का संदेश पूरे विश्व में प्रसारित हो सकता है। भारत का  आध्यात्मिक वातावरण एवं यहां का आध्यात्मिक वातावरण एवं आध्यात्मिक आबोहवा मनुष्य को इनर से जोड़तीे है; शान्ति से और दैवीय सत्ता से जोड़ता है। उन्होने कहा कि भारत की हवा में योग, आयुर्वेद और आध्यात्मिकता है यहां पर होने मात्र से ही लोगों में परिवर्तन होने लगता है। आनन्दमय जीवन के लिये योगमय वातावरण सबसे बेहतर है जो हम भारत आने हर सैलानी को दे सकते हैं। स्वामी जी महाराज ने अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव के विषय में चर्चा करते हुये कहा कि इस महोत्सव को अगले वर्ष 30 वर्ष पूर्ण होने जा रहे है, इस 30 वर्षो की योग यात्रा ने विश्व के 100 से अधिक देशों, हजारों की संख्या में योग साधकों तथा शिखरस्थ योगाचार्यो को आपनी ओर आकर्षित किया है। उन्होने माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी भूरि-भूरि प्रशन्सा करते हुये कहा कि उन्होने योग को भारत के घर-घर तथा विश्व के सभी देशों तक पहुंचाने की मुहिम की शुरूआत की है जिसे हम सभी को मिलकर पूर्ण करना है। स्वामी जी महाराज ने अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव की तर्ज पर प्रयाग में योग महाकुम्भ मनाने का पर जोर दिया। स्वामी जी महाराज की उत्तरप्रदेश के कर्मयोगी, योगी मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी से इस विस्तार से चर्चा हुयी है स्वामी जी ने कहा कि मुख्यमंत्री जी का उत्साह, ऊर्जा और समर्पण देखकर अति प्रसन्नतस हुयी।पर्यटन मंत्री श्री जेे के अल्फोंस जी और श्रीमती रीता बहुगुणा जी ने स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के विचारों और सुझावों को अति उपयुक्त बताते हुये उस पर उन्हे कार्ययोजना बनाने की बात कही। स्वामी जी महाराज ने परमार्थ निकेतन में होने वाली माँ गंगा आरती में सहभाग करने हेतु आंमत्रित किया उन्होने सहर्ष अपनी स्वीकार प्रदान की और कहा कि यह हमारा सौभाग्य होगा।

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