वाराणसी : ‘कारपेट फेयर’ में आकर्षण का केन्द्र होंगी ‘नाॅटेड कालीने’ - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 21 अक्तूबर 2018

वाराणसी : ‘कारपेट फेयर’ में आकर्षण का केन्द्र होंगी ‘नाॅटेड कालीने’

पं. दीनदयाल हस्तकला संकुल, बड़ालालपुर में 21 अक्टूबर से लगेगा चार दिवसीय कारपेट इक्स्पो
केंद्रीय वस्त्र मंत्री स्मृति ईरानी करेंगी फेयर का उद्घाटन
प्रधानमंत्री करेंगे कालीन व्यापारियों से सीधा संवाद

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वाराणसी (सुरेश गांधी) । डालर नगरी भदोही के बुनकरों की हाड़तोड़ मेहनत व कारीगरी से निर्मित नाॅटेड कालीनें इस बार इंडिया कारपेट एक्स्पों-2018 की आकर्षण के केन्द्र बनेगी। इन कालीनों पर बेहतरीन नक्काशी की गयी है। जर्मनी और फ्रांस के विशेषज्ञ डिजाइनर व स्थानीय कारीगरों के संयुक्त उपक्रम से तैयार इन कालीनों में फ्लोर इसकी खुबसूरती में चार चांद लगा देते हैं। साल 2014 में जर्मनी के हैनोवर में हुए अंतराष्ट्रीय कालीन मेला डोमोटेक्स में बेस्ट डिजाइनर के अवार्ड से सम्मानित ग्लोबल ओवरसीज के संजय गुप्ता का कहना है कि जर्मनी के जिस डिजाइनर के डिजाइन को डोमोटेक्स में अवार्ड मिला था इस बार भी उसी डिजाइनर के सलाह से भदोही के बुनकरों ने बेजोड़ कालीनें तैयार की है। उनका कहना है कि वे हमेशा मार्केट से अलग हटकर नयी नयी डिजाइनों वाली कालीनों का इजाद करते है। इस बार भी कुछ ऐसा ही किया है। 

बता दें, इंडिया कार्पेट एक्सपो का आयोजन वाराणसी में 21 से 24 अक्टूबर को प्रस्तावित है। इसमें जहां दुनिया भारतीय हस्तकला के बेजोड़ नमूने से रूबरू होगी, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कालीन व्यापारियों संग वीडियों कांफ्रेंसिंग के जरिए संवाद भी करेंगे। एक्स्पों का उद्घाटन केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी करेंगी। सीइपीसी के प्रशासनिक सदस्य एवं ग्लोबल ओवरसीज के संजय गुप्ता ने बताया कि भारत सरकार वस्त्र मंत्रालय के अधीन कालीन निर्यात संवर्धन परिषद (सीईपीसी) 35 वर्षो से कार्पेट एक्सपो का आयोजन करता आ रहा है। इसी क्रम में इस वर्ष बड़ालालपुर स्थित पं. दीनदयाल हस्तकला संकुल में कार्पेट एक्सपो का आयोजन किया जाएगा। इसमें कालीन नगरी भदोही-मीरजापुर, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर के कालीन निर्यातक 300 स्टॉलों पर अपने उत्पादों का प्रदर्शन करेंगे। एक्सपो में अमेरिका, यूरोप के बड़े कारोबारियों के अलावा जापान, फ्रांस, इटली, कनाडा, चीन, ऑस्ट्रेलिया, नॉर्वे, इजरायल, मॉरीशस, ताईवान, नेपाल, रूस, सऊदी अरब, सिंगापुर, यूक्रेन सहित 58 देशों के खरीदारों ने आने की स्वीकृति दी है। शुभारंभ के दिन सायंकालीन सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए कारोबारियों से बात कर उनकी समस्याओं को जानेंगे। पहले तीन दिन एक्सपो में सिर्फ विदेशों से आने वालों को ही शामिल होने की अनुमति मिलेगी, जबकि अंतिम दिन यह बाजार आम लोगों के लिए खोल दिया जाएगा। 

सीईपीसी के चेयरमैन महावीर प्रताप उर्फ राजा शर्मा ने बताया कि मेले में तीन सौ आयातकों को आमंत्रित किया गया है। दो सौ ने स्वीकृति दे दी है। इस बार नए आयातक देशों के उद्यमियों को भी मेले में आमंत्रित किया गया है। घाना, उजबेकिस्तान, कनाडा, चिली, लेबनान, मैक्सिको, सिंगापुर के आयातकों की मेले में भागीदारी प्रभावकारी साबित हो सकती है। मेले में 270 स्टाल बनाए गए हैं, सभी बुक हो चुके हैं। उद्घाटन अवसर पर भारत सरकार वाणिज्य मंत्रलय के सचिव अनूप वधावन, विकास आयुक्त हस्तशिल्प शांतमनु, भारत सरकार की वस्त्र मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी मौजूद रहेंगी। सीईपीसी द्वारा आयोजित 36वां कालीन मेला व्यवसाय की दृष्टि से सफलतम मेलों में शुमार किया जाएगा इसकी पूरी संभावना है। कालीन मेले में विदेशी खरीदारों व उनके भारतीय प्रतिनिधियों तथा भारतीय कालीन निर्माता और निर्यातकों को दीर्घकालिक व्यापार संबंधों को पूरा करने के लिए मेले आदर्श मंच साबित होते हैं। कालीन खरीदारों के लिए एक छत के नीचे सर्वश्रेष्ठ हस्तनिर्मित कालीन व अन्य फ्लोर कवरिंग उपलब्ध कराने के लिए अद्वितीय मंच है। परिषद के प्रथम उपाध्यक्ष सिद्धिनाथ सिंह ने कहा कि सीईपीसी निरंतर कालीन उद्योग के उत्थान को लेकर गंभीर है। मेले में भदोही- मीरजापुर सहित जयपुर, पानीपत, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, आगरा, कानपुर के निर्यातकों की भागीदारी हो रही है। वाराणसी का यह कालीन मेला कालीन उद्योग की दिशा व दशा तय करेगा। परिषद के वरिष्ठ प्रशासनिक उमेश गुप्ता मुन्ना, ओंकारनाथ मिश्र बच्चा, राजेन्द्र मिश्र ने बताया कि मेले में हस्तनिर्मित कालीनों के साथ-साथ हैंडलूम उत्पाद में सस्ती व फैंसी कालीन धूम मचा सकती है। इनमें ब्राडलूम नामक डिजाइन प्रमुख है। इसी तरह टफ्टेड में लुककट तथा आललूप भी पंसद की जा सकती है। इन दिनों कालीन में धागों का अधिक उपयोग हो रहा है। वूल कॉटन मिक्स धागों से तैयार अलग अलग वेराइटीज भी आयातकों को लुभा सकती है। 

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