बिहार : एक नहीं दो जगहों पर पदस्थापित हैं समेली अंचल के सी.ओ.राजेश कुमार - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

मंगलवार, 30 अक्तूबर 2018

बिहार : एक नहीं दो जगहों पर पदस्थापित हैं समेली अंचल के सी.ओ.राजेश कुमार

सी.ओ.एक जगह में नहीं देते हैं   फुल टाइम, तो नतीजन लापरवाह  बन गए अधीनस्थकर्मी   बकिया मुसहरी के दर्जन भर महादलितों ने 13 जून क सीमांकन कराने के लिए आवेदन दिया था, 90 दिनों के बाद भी सीमांकन नहीं  होने पर लिए आर.टी.आई.का सहारा, यहां पर आर.टी.आई.कानून को भी ठेंगा दिखा दिया गया, 43 दिनों के बाद भी जानकारी नहीं दी गयी, अंचलकर्मी अपील में न जाने का आग्रह करने लगे और 20 दिनों के बाद जानकारी  देने का वादा कर लिए 
co-appointed-two-place-work-harmed
पटना। जी हां यह एक वास्तविकता है एक अंचल की. बिहार के 38 जिले के प्रखंडों की स्थिति ऊपर वाला ही जान सकते हैं.सूचना का अधिकार का हश्र दिख रहा है.समय पर सूचना उपलब्ध नहीं करायी जा रही है. खैर,कटिहार जिले के समेली अंचल  का यह हाल है कि इस अंचल में अंचल पदाधिकारी राजेश कुमार हैं. इनके जिम्मे समेली और फरका अंचल है.एक फुल दो माली की तरह कार्य कर रहे हैं.दो अंचल में सी.ओ.साहब का पोस्टिंग होने से अधीनस्थकर्मी लापरवाह हो गए हैं.बेहतर ढंग से काम नहीं करते हैं जिसके कारण जनता परेशान हैं.  अंचल कार्यालय के कर्मचारी ही जनता के पैरोकार बनकर कहते हैं कि यहां के सी.ओ.राजेश कुमार एक जगह में नहीं दो जगहों पर पदस्थापित हैं. इसके कारण फूल टाइम नहीं देते हैं.इसका नतीजा यह है कि कर्मी लापरवाह हो गए हैं.आए आवेदनों को सीन नहीं करते हैं और दिशा-निर्देश नहीं देते हैं. बता दें कि राज्य सरकार ने डूमर पंचायत के बकिया मुसहरी पश्चिमी टोल के दर्जन भर महादलित मुसहर समुदाय को 3 डिसमिल जमीन खरीद कर दी है.यह जमीन गड्ढे में है.उसका सीमांकन करवाने लिए 13 जून को सामूहिक आवेदन दिया गया.आवेदक वार्ड सदस्य बहादुर ऋषि हैं.आवेदन का क्रमांक 209 और दिनांक 13.06.2018 है.कार्य निष्पादन करने की जिम्मेवारी हल्का कर्मचारी उपेंद्र मिश्र को सौंपा गया.
  
बता दें कि 12 महादलित मुसहर समुदाय के सामूहिक आवेदन पर हल्का कर्मचारी उपेंद्र मिश्र ने किसी तरह की सीमांकन कार्यवाही 90 दिनों के बाद भी नहीं  किया.तब आवेदकों ने आर.टी.आई.का सहारा लिया.इसका भी असर नहीं पड़ा.यहां के कर्मियों ने आर.टी. आई.कानून के तहत जानकारी मांगने वाले को ठेंगा दिखा दिया.43 दिनों के बाद भी किसी तरह की जानकारी नहीं दिए. वहीं फाइल से आवेदन भी गायब था.आवेदक से आवेदन लेकर छाया प्रति करवाकर  अंचलकर्मी ने अदब से अपील भरी आग्रह करने लगा कि आप प्रथम अपील करने न जाए.दीवाली और छठ के बाद 20 दिनों में जानकारी  दे दी जाएगी.यह वादा बड़ा और छोटा बाबू भी करने लगे.उनका कहना है कि हमलोग सीमांकन कर देने की जानकारी देंगे.साथ ही बड़ा बाबू नसीहत देने लगे कि आर.टी.आई.और लोक शिकायत निवारण कानून के आवेदनों को सहजता से निपटारा कर देना चाहिए नहीं तो गाज गिरना निश्चित है.अब देखना है कि अमल होता है कि हाथी का खाने वाले या दिखाने वाले दांत है.

कोई टिप्पणी नहीं: