पूर्णिया : निर्माण की अवधि एक वर्ष पूर्व बीत चुकी, नहीं बना पुल, - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 9 अक्तूबर 2018

पूर्णिया : निर्माण की अवधि एक वर्ष पूर्व बीत चुकी, नहीं बना पुल,

जान जोखिम में डालकर लोग करते हैं बलिया पुल से आवागमन 
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पूर्णिया : पूर्णिया और मधेपुरा जिला को जोड़ने वाले भवानीपुर प्रखंड अंतर्गत बलिया पुल की स्थिति काफी दयनीय एवं जर्जर हालत में है। पुल के जर्जर होने से हमेशा जाम की स्थिति बनी रहती है। लोग जान को जोखिम में डालकर पुल को पार करते हैं। जब भी कोई छोटी सवारी गाड़ी मधेपुरा जिला या भवानीपुर से सवारी लेकर जाती है तो उसे पुल पार करने के लिए सवारी को उतार कर खाली गाड़ी पार करना पड़ता है। जिससे काफी समय लग जाता है और पुल के दोनों ओर जाम की स्थिति बन जाती है। जबकि प्रतिदिन सैकड़ों वाहनों का आना जाना लगा रहता है। पुल की दूरी मात्र 15 से 20 मीटर की होगी। लेकिन पुल को पार करने में एक से डेढ़ घंटा लग जाता है। क्योंकि पुल के बीच बीच में लकड़ी टूट गई है और काफी जगह खाली हो गया है। चालक लकड़ी को इधर से उधर करके किसी तरह गाड़ी को पार करते हैं। लाइफ लाइन कहा जाने वाला यह पुल सीधा मधेपुरा जिला से इलाके को जोड़ता है। वर्तमान समय में रायपुरा पुल भी चलने लायक नहीं है उसकी भी स्थिति काफी जर्जर है। अगर मधेपुरा जिला जाना हो तो इस पुल के बाद लोगों को 20 से 25 किलोमीटर की अधिक दूरी तय करनी पड़ती है। इस ओर न किसी प्रतिनिधि न किसी पदाधिकारी का ध्यान है। वर्तमान समय में बलिया पुल लगभग 2 वर्षों से निर्माणाधीन है। जिसका सिर्फ पिलर बना हुआ है। जो लंबे समय से शोभा की वस्तु बनी हुई है। जबकि पुल निर्माण की अवधि लगभग 1 वर्ष पूर्व समाप्त हो चुकी है। समाजसेवी कलाधर मंडल ने बताया कि बलिया और रायपुरा पुल को लेकर समाज के गणमान्य लोगों द्वारा कई बार प्रखंड परिसर में धरना एवं प्रदर्शन किया गया। धरना एवं प्रदर्शन के वक्त सिर्फ आश्वासन मिला। लेकिन आजतक न किसी पदाधिकारी और न ही किसी जनप्रतिनिधि ने ध्यान दिया। जबकि पुल निर्माण से संबंधित कई बार प्रखंड अनुमंडल एवं जिला के पदाधिकारी को लिख कर दिया गया है। यह क्षेत्र किसानों का क्षेत्र है। इस क्षेत्र में मक्का एवं केला की खेती प्रचुर मात्रा में होती है। फसल तैयार होने के बाद किसान आंख टिकाए व्यापारी की ओर देखते हैं। पुल की स्थिति देखकर व्यापारी लोग अनाज खरीदने नहीं पहुंचते हैं। मजबूर होकर किसान अौने पौने भाव में बेचने को विवश हो जाते हैं। क्योंकि उसके जीवन का एकमात्र सहारा फसल ही है। उसी फसल को बेचकर आगे की फसल लगाई जाती है। श्री मंडल ने जिला पदाधिकारी एवं जनप्रतिनिधियों से अनुरोध किया है कि बलिया और रायपुरा पुल के निर्माण पर ध्यान दिया जाए। जिससे किसानों को एवं क्षेत्र की जनता को बहुत बड़ी राहत मिलेगी।

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