दुमका (अमरेन्द्र सुमन) बाली फुटवेयर, बासुकी अगरबत्ती, मयूराक्षी सिल्क के बाद महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़कर उन्हें स्वावलम्बी व सशक्त बनाने का जिला प्रशासन का एक और अनुठा प्रयास है शगुन सुतम्। शगुन सुतम के माध्यम से आजिविका सखी मंडल की महिलायें स्कूली छात्र-छात्राओं के लिए पोषाक तैयार करेंगी। बाबूपुर गांव (हरिपुर पंचायत) में महिलाओं को पोषाक तैयार करने व सिलाई प्रषिक्षण का कार्य शगुन सुतम केन्द्र के माध्यम से दिया जाएगा। प्रथम चरण में 2 शगुन सुतम् केन्द्र भैरवपुर (जामा) नारगंज (काठीकुण्ड) में जल्द खोला जायेगा। प्रशिक्षण के उपरांत शुरुआती दौर में महिलायें स्कूलों के लिए पोषाक तैयार करेंगी। महिलाओं के द्वारा बाजार के लिए भी कपड़े तैयार किये जायेंगे। शुरूआती दौर में 30 महिलाओं को पोषाक निर्माण व सिलाई कार्यों में निपुण किया जा रहा है। वस्त्र निर्माण की सभी प्रक्रियाओं यथा स्टिचिंग, प्रेसिंग, बटनिंग, फोल्डिंग, आयरनिंग, पैकेजिंग की पूरी जानकारी उन्हें दी जा रही है। इस केन्द्र में बिजली आधारित मशीनों से ट्रेनिंग दी जा रही है। आधुनिक एम्ब्रोडरी मशीन, बटन लगाने की ऑटोमेटिक मशीन व कपड़ा प्रेस हेतु स्टीम आयरन भी लगाया गया। ज्ञात हो, शगुन सुतम् का उद्घाटन मुख्यमंत्री ने बासुकिनाथ में श्रावणी मेला 2018 के उद्घाटन समारोह के दौरान किया था। दुमका प्रखंड के बाबुपुर गांव में दुमका डीसी मुकेश कुमार ने शगुन सुतम केन्द्र की विधिवत शुरुआत की। बाबूपुर की महिलायें सकारात्मक सोच, उत्साह व उर्जा के साथ प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं। इतना ही नहीं खुद को वे सक्षम व आत्मनिर्भर भी बना रही है।
रविवार, 7 अक्तूबर 2018
दुमका : शगुन सुतम केन्द्रों के माध्यम से महिलाएँ आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर
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