नयी दिल्ली, 18 नवंबर, भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने कांग्रेस अध्यक्ष पदों पर परिवारवाद को ब़ढावा देने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान को और हवा देते हुए आज कहा कि हाल के कुछ दशकों में पार्टी ने गैर गांधी-नेहरू परिवार के दो अध्यक्षों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया था। श्री शाह ने ट्वीट करके कहा, “साल 1978 के बाद से ज्यादा समय तक नेहरू-गांधी परिवार के चार सदस्यों को कांग्रेस अध्यक्ष पद की कमान संभाली। इस तरह से कांग्रेस ने एक राजनीतिक दल के रूप में जनता की सेवा करने की बजाय एक परिवार की कंपनी बनकर वंशवाद के लिए काम किया।’’ उन्होंने कहा कि इस अवधि में इस परिवार से बाहर के दो नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष पद की कमान संभाली लेकिन उनके साथ अत्यंत अशोभनीय वर्ताव किया गया। उन्होंने लिखा “श्री पी वी नरसिंम्हा राव के पार्थिव शरीर को कांग्रेस मुख्यालय के भीतर लाने की अनुमति नहीं दी गयी। सीताराम केसरी जैसे बड़े नेता के साथ किस तरह की गुंडागर्दी हुई, यह सबको मालूम है।’ श्री शाह ने कहा “इससे पीछे चलें तो सर्वश्री बाबू जगजीवन राम, एस निजलिंगप्पा तथा के कामराज के साथ एक परिवार के लिए अभद्र व्यवहार किया गया। इसी तरह श्री नीलम संजीव रेड्डी जैसे वरिष्ठ नेता को परिवार के खातिर पार्टी का अध्यक्ष नहीं बनने दिया। गांधी जी और सरदार पटेल के साथ काम करने वाले आचार्य कृपलानी के साथ 1950 से 1960 के बीच अच्छा व्यवहार नहीं किया गया। उनका दोष सिर्फ यह था कि उन्होंने नेहरु सरकार के खिलाफ पहला अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था।” गौरतलब है कि श्री मोदी ने दो दिन पहले छत्तीसगढ के अम्बिकापुर में गांधी-नेहरू परिवार के लोगों को ही कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने संबंधी बयान दिया था जिस पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदम्बरम ने उन्हें कांग्रेस अध्यक्षों के बारे में चिंतन करने की बजाय अपने चार साल के काम पर विचार करने की सलाह दी थी।
रविवार, 18 नवंबर 2018
राव और केसरी के साथ कांग्रेस का रहा अशोभनीय बर्ताव : अमित शाह
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