- राजनीतिक संरक्षण को जांच के दायरे में लाया जाए.
पटना 28 नवंबर 2018 , भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह की तरह राज्य के उन सभी 17 शेल्टर गृहों ( जिन्हें टीआईएसएस की रिपोर्ट में अत्यंत चिंताजनक स्थिति मंे दिखलाया गया है) की जांच सुप्रीम कोर्ट द्वारा सीबीआई को सुपुर्द करने के निर्णय का स्वागत किया है. हमारी पार्टी शुरू से ही मुजफ्फरपुर सहित सभी 17 अत्यंत चिंताजनक स्थिति में पाए गए शेल्टर होम की सीबीआई जांच की मांग करती रही है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट बाल गृहों में यौन शोषण मामले में पुलिस जांच से लगातार असंतुष्ट था फिर भी जांच की गति में तेजी नहीं आई. जाहिर सी बात है कि बिहार सरकार की मंशा मामले को रफा-दफा करने की थी. पुलिस विभाग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ही पास है, इसलिए इसकी सीधी जवाबदेही मुख्यमंत्री की बनती है. उन्होंने यह भी कहा कि दरअसल ऐसे मामले बगैर उच्चस्तरीय राजनीतिक संरक्षण के संभव ही नहीं है, इसलिए सरकार जान-बूझकर इसकी जांच में हद दर्जे की उपेक्षा अपना रही है. अतः हम इसके राजनीतिक संरक्षण को भी जांच के दायरे में लाए जाने की मांग करते हैं. राजनीतिक संरक्षण की गंभीरता को इस तथ्य से समझा जा सकता है कि अत्यंत चिंताजनक स्थिति में पाए गए एक बाल गृह की संचालिका को इस दौर में भी विभिन्न राजनीतिक पार्टियों व संस्थाओं द्वारा सम्मानित करने का सिलसिला जारी है.
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