नारोवाल, 28 नवंबर, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि यदि फ्रांस और जर्मनी कई युद्ध लड़ने के बाद अच्छे संबंध रख सकते हैं तो भारत-पाकिस्तान के संबंध भी बेहतर हो सकते हैं। श्री खान ने बुधवार को पाकिस्तान के नारोवाल जिले के करतारपुर में दरबार साहिब को जोड़ने वाले गलियारे की आधारशिला रखने के बाद यह बात कही। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने अपने शपथ ग्रहण समारोह में पंजाब के नगर विकास मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के शामिल होने पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओर से उन पर निशाना साधे जाने की आलोचना की। श्री खान ने कहा भारत और पाकिस्तान के बीच शांति के लिए आवाज उठाकर श्री सिद्धू ने कोई जुर्म नहीं किया। उन्होंने कहा, “श्री सिद्धू ने ऐसा कौन सा जुर्म किया था?” इससे पहले श्री खान ने पाकिस्तान के नारोवाल जिले के करतारपुर में दरबार साहिब को जोड़ने वाले गलियारे की आधारशिला रखी। करतारपुर साहिब को भारत के गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक से जोड़ा जायेगा। इस बहुप्रतीक्षित गलियारे के बनने के बाद भारत में रहने वाले सिख गुरुद्वारा दरबार साहिब के दर्शन करने जा सकेंगे। श्री सिद्धू ने करतारपुर गलियारे की आधारशिला रखे जाने का श्रेय पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को दिया है। इस अवसर पर केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल, शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी, पाकिस्तान के सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा, विदेश मंत्री शाह मोहम्मद कुरैशी, आंतरिक राज्य मंत्री शहरयार अफरीदी, पंजाब के मुख्यमंत्री उस्मान बजदार भी मौजूद थे। केंद्रीय मंत्री श्रीमती बादल ने कहा कि इस नयी पहल के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री दोनों को श्रेय मिलना चाहिए। श्रीमती बादल ने श्री मोदी के दिये गये वक्तव्य का हवाला देते हुए कहा कि यह घटना बर्लिन की दीवार गिरने के समान है। उन्होंने कहा,“ यदि बर्लिन की दीवार गिरायी जा सकती है तो हम भारत-पाकिस्तान के बीच के मतभेदों को दूर क्यों नहीं कर सकते।”
बुधवार, 28 नवंबर 2018
![](https://1.bp.blogspot.com/-7Kd9qaiRHuA/WaEtZyc70TI/AAAAAAAADsA/7WUYBVoY-UwwjdEP3kDFPvH9htN0dDKgQCLcBGAs/s1600/demo-image.jpg)
भारत-पाकिस्तान के संबंध बेहतर हो सकते हैं : इमरान
Tags
# विदेश
Share This
About आर्यावर्त डेस्क
विदेश
Labels:
विदेश
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Author Details
सम्पादकीय डेस्क --- खबर के लिये ईमेल -- editor@liveaaryaavart.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें