नोटबंदी से औपचारिक अर्थव्यवस्था में आयी नकदी : जेटली - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

गुरुवार, 8 नवंबर 2018

नोटबंदी से औपचारिक अर्थव्यवस्था में आयी नकदी : जेटली

jaitley-says-the-move-helped-both-centre-and-states
नयी दिल्ली, 08 नवम्बर, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सरकार द्वारा दो वर्ष पूर्व की गयी नोटबंदी काे पूरी तरह सही ठहराते हुए गुरुवार को कहा कि इसका उद्देश्य नकदी को औपचारिक अर्थव्यवस्था में लाना तथा नकदी रखने वालों को कर व्यवस्था में शामिल करना था और इसमें सफलता मिली है । श्री जेटली ने नोटबंदी के दो वर्ष पूरे होने पर एक लेख में नोटबंदी के आलोचकों को आड़े हाथ लेते हुए कहा , “ नोटबंदी की एक बे-तर्क आलोचना यह है कि लगभग पूरी नकदी बैंकों में जमा हो गयी है। नोटबंदी का उद्देश्य नकदी की जब्ती नहीं था। नोटबंदी का उद्देश्य था कैश को औपचारिक अर्थव्यवस्था में शामिल कराना और कैशधारकों को टैक्स सिस्टम में लाना ।” उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को व्यवस्थित बनाने की दिशा में सरकार ने जो भी कदम उठाए हैं उनमें नोटबंदी एक बड़ा और महत्वपूर्ण कदम है। वित्त मंत्री ने कहा कि भारत नकदी के वर्चस्व वाली अर्थव्यवस्था थी। नकद लेन-देन में, लेने वाले और देने वाले का पता नहीं लगाया जा सकता। इसमें बैंकिग प्रणाली की भूमिका पीछे छूट जाती है और साथ ही कर प्रणाली भी बिगड़ती है। नोटबंदी ने नकदी धारकों को पूरी नकदी बैंकों में जमा करने पर मजबूर किया। बैकों में नकदी जमा होने और यह पता चलने से कि यह किसने जमा की , 17.42 लाख संदिग्ध खाता धारकों की पहचान हुयी । उन्होंने कहा कि नियमों का उल्लंघन करने वालों को दंडात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ा। बैकों में ज्यादा धन जमा होने से उनकी ऋण देनी की क्षमता में भी सुधार हुआ। आगे निवेश के लिए इस धन को म्यूचुअल फंड में बदल दिया गया। ये कैश भी औपचारिक प्रणाली का हिस्सा बन गया।

कोई टिप्पणी नहीं: