वाम दलों की संयुक्त बैठक: 6 दिसंबर को राज्यव्यापी संविधान बचाओ-धर्मनिरपेक्षता दिवस का होगा आयोजनदलित-गरीबों को बिना वैकल्पिक व्यवस्था के उजाड़ना बंद करे सरकार, गरीबों की जमीन से बेदखली पर रोक लगे.
पटना 29 नवंबर 2018, आज सीपीआई(एम) राज्य कार्यालय में सीपीआई, सीपीआई(एम), भाकपा-माले, फारवर्ड ब्लाॅक, आरएसपी की संयुक्त बैठक माले राज्य सचिव काॅ. कुणाल की अध्यक्षता में हुई. बैठक में सीपीआई राज्य सचिव सत्यनारायण सिंह, राजेन्द्र सिंह, राम नरेश पांडे, भाकपा-माले के पोलित ब्यूरो सदस्य धीरेन्द्र झा, सीपीआईएम के राज्य सचिव अवधेश कुमार, सर्वोदय शर्मा, गणेश शंकर सिह, फारवर्ड ब्लाॅक के टीएन आजाद और आरएसपी के बीरेन्द्र ठाकुर मौजूद थे. बैठक के हवाले से नेताओं ने कहा कि शेल्टर होम रेप मामले में सुप्रीम कोर्ट की कड़ी फटकार ने नीतीश-मोदी सरकार के वास्तविक चेहरे को जनसमुदाय के सामने स्थापित कर दिया है और वामदलों के द्वारा उठाए गए मुद्दे की पुष्टि की है. ब्रजेश ठाकुर को मिले राजनीतिक सरंक्षण की जांच हो और नीतीश-मोदी इस्तीफा दें. नीतीश सरकार द्वारा गरीबों को उजाड़ने और गरीबों को जोत-आबाद से बेदखल करने को लेकर वामदलों ने सख्त नाराजगी जाहिर की है और इसे तत्काल वापस लेने व जोत-आबाद कर रहे गरीबों को मालिकाना हक देने की मांग की है. बैठक से गरीब उजाड़ो अभियान का विरोध करने के क्रम में नवादा के सीपीआई (एम) नेता युवराज यादव को एसएसपी कैंप में बुलाकर प्रताड़ित करने और झूठा मुकदमा करने की निंदा की. गया के बाराचट्टी में जागरूप मांझी और समस्तीपुर में हीरालाल सदा की पिछले दिनों हत्या कर दी गई. वाम नेताओं ने सूखे से फटेहाल किसानों के प्रति राज्य सरकार की अनदेखी तथा किसानों के साथ राजनीति करने की कार्रवाई का विरोध करते हुए पूरे बिहार को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग की है. वाम पार्टियों ने विधायकों-पार्षदों के वेतन में बढ़ोतरी और किसानों के कर्ज माफी के एजेंडे को नकारना राज्य की जनता के साथ मजाक है. भजापा, संघ परिवार और मोदी-योगी सरकार द्वारा मंदिर निर्माण केा लेकर उन्माद पैदा करने तथा संविधान-सुप्रीम कोर्ट को नकारने की कार्रवाई देश, समाज, लोकतंत्र और संविधान के लिए बड़ा खतरा उपस्थित कर दिया है. वामदलों ने सांप्रदायिक उन्माद के खिलाफ देशव्यापी अभियान तेज करने की दिशा बनाया है और 6 दिसंबर को संविधान-धर्मनिरपेक्षता दिवस के बतौर मनाया जाएगा. पटना में अंबेदकर मूर्ति, उच्च न्यायालय से गांधी मूर्ति, गांधी मैदान तक मार्च निकलेगा और इस तरह का मार्च पूरे राज्य में सभी जिला मुख्यालयों पर निकाला जाएगा. बैठक से आशा कार्यकर्ताओं की राज्यव्यापी संयुक्त हड़ताल का समर्थन किया गया और किसान मुक्ति मार्च, दिल्ली के समर्थन में 30 नवंबर को पटना में ट्रेड यूनियनों के एकजुटता कार्यक्रम को सफल बनाया जाएगा. वामदलों ने 175 सिपाहियों खासकर महिला सिपाहियों की बर्खास्तगी की निंदा की है और उक्त मामले की संपूर्ण न्यायिक जांच करने की मांग की है.

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