नयी दिल्ली, 27 नवम्बर, उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने उद्योग जगत में पारदर्शिता और जवाबदेही अपनाने पर बल देते हुए संयुक्त राष्ट्र जैसी अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं को आर्थिक भगोड़ों के प्रत्यर्पण के लिए रणनीति बनाने का आह्वान किया है। श्री नायडू ने आज यहाँ सिटी ग्लोबल टेक्सटाइल सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए यह आह्वान किया। इस मौके पर केन्द्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी भी मौजूद थीं। उपराष्ट्रपति ने कहा कि पिछले दिनों उन्होंने यूरोप यात्रा के दौरान विभिन्न राजनेताओं से मुलाकात के दौरान पाया कि भारत के विकास की कहानी से अब सभी अवगत हो गए हैं और उन्होंने इसकी तारीफ़ भी की और उनकी दिलचस्पी भारत की प्रगति में है लेकिन विश्व में प्रतिस्पर्धा बनाये रखने के लिए व्यापार एवं उद्योग में पारदर्शिता तथा जिम्मेदारी बनाये रखना जरुरी है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र एवं अन्य संस्थाओं को चाहिए कि वे आर्थिक भगोड़ों के प्रत्यर्पण और बैंक खातों की जानकारी एक-दूसरे देश को उपलब्ध कराने के बारे में नीति बनायें। उन्होंने कहा कि भारत में वस्त्र उद्योग के लिए पर्याप्त कच्ची सामग्री है और कुशल मानव संसाधन भी है तथा बुनकरों के लिए सुविधाएँ भी हैं लेकिन वस्त्र उद्योग के आधुनिकीकरण की बेहद आवश्यकता है। श्री नायडू ने कहा कि कृषि क्षेत्र के बाद सबसे अधिक रोजगार देने वाला क्षेत्र वस्त्र उद्योग ही है जो 21 प्रतिशत राेजगार देता है। इसके अलावा भारत विश्व का 14 प्रतिशत वस्त्र का उत्पादन करता है। दुनिया में कपास की खेती के इलाके का ३७ प्रतिशत भारत में है और सकल घरेलू उत्पाद का चार प्रतिशत वस्त्र क्षेत से उत्पन्न होता है। उन्होंने कहा कि प्राचीन काल और ब्रिटिश काल में हमारा वस्त्र उद्योग काफी उत्कर्ष पर था और अब एक बार फिर उस ऊँचाई को हमे प्राप्त करना है। सरकार ने टेक्सटाइल पार्क बनाने के अलावा 17 हज़ार 800 करोड़ रुपए से अधिक की निधि इस क्षेत्र के विकास के लिए निर्धारित की है। इसके अलावा इसके निर्यात के लिए भी 6006 करोड़ रुपए खर्च करने की योजना बनाई गयी है और 2021 तक निर्यात 82 अरब डालर करने का लक्ष्य रखा गया है। सम्मलेन में उप राष्ट्रपति ने सुरेश कोटक को आजीवन योगदान के लिए और पांच अन्य लोगों को सम्मानित किया।
मंगलवार, 27 नवंबर 2018

घोटालाबाज भगौड़ों के लिए रणनीति बनायी जायें : नायडू
Tags
# देश
Share This
About आर्यावर्त डेस्क
देश
Labels:
देश
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Author Details
सम्पादकीय डेस्क --- खबर के लिये ईमेल -- editor@liveaaryaavart.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें