बांदा (उत्तर प्रदेश), एक नवंबर, जिले के गिरवां थाना क्षेत्र के कोलावल रायपुर बालू खदान के पास केन नदी में करीब तीन सौ किसानों ने बृहस्पतिवार की सुबह से बालू माफिया के खिलाफ कथित अवैध बालू खनन और अपनी फसल उजाड़ने के विरोध में ‘जल सत्याग्रह’ शुरू किया। उपजिलाधिकारी अवधेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि कोलावल रायपुर बालू खदान में केन नदी की जलधारा में मशीनों से गहराई तक बालू खनन और बालू भरे ट्रकों को किसानों के खेतों से जबरन निकालने के विरोध में सुबह लगभग 300 किसानों ने केन नदी की जलधारा में जल सत्याग्रह शुरू किया। सत्याग्रह करने वालों में 50 महिलाएं भी हैं। श्रीवास्तव ने बताया कि यह बालू खदान कोलकाता की स्टार नेट कंपनी को पांच साल के लिए पट्टे पर आवंटित की गई है। मौके पर पाया गया है कि कंपनी ने अपने सीमा क्षेत्र से हट कर बालू खनन कराया है और बालू निकासी के लिए नदी में अस्थाई अवैध पुल का भी निर्माण किया है। उन्होंने बताया कि आन्दोलन की अगुआई कर रहे सामाजिक संगठन विद्याधाम समिति के राजा भइया सिंह और चिंगारी संगठन की शोहरत फातिमा से बातचीत कर मामले का हल निकालने की कोशिश की जा रही है। राजा भइया सिंह ने बताया कि खेत की फसल चौपट कर बालू भरे ट्रक जबरन निकालने का विरोध करने पर बालू माफिया के हथियारबंद लोगों ने रविवार की रात किसानों पर गोलियां चलाई थीं। सिंह का आरोप है कि बालू माफिया के दबाव में उस गोलीबारी कांड के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई।
गुरुवार, 1 नवंबर 2018
उत्तर प्रदेश : बालू माफिया के खिलाफ किसानों का जल सत्याग्रह
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