वाराणसी : ‘कभी खुशी कभी गम....’ की प्रस्तुति ने बांधा समा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 17 दिसंबर 2018

वाराणसी : ‘कभी खुशी कभी गम....’ की प्रस्तुति ने बांधा समा

सेंट जांस स्कूल के नन्हें-मुन्नें बच्चों ने गीत-संगीत के माध्यम से प्रस्तुत की पर्यावरण व वातावरण को हरा-भरा व स्वच्छ बनाएं रखने व मानवता का संदेश दिया बुजुर्गो को मिले सम्मान, वे दया नहीं सेवा के पात्र है: मैरी मैगलीन  

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वाराणसी (सुरेश गांधी),  ‘इंसान का इंसान से हो भाईचारा, यही पैगाम हमारा’.... ‘कभी खुशी कभी गम’ गीत पर जब नन्हें-मुन्ने बच्चों ने अपनी प्रस्तुती दी तो दीर्घा में बैठे हर शख्स की आंखे डबडबा गयी। इस दौरान पर्यावरण एवं वातावरण को हरा-भरा बनाने से लेकर पेड़-पौधों की महत्ता, उपयोगिता को छात्रों ने नृत्य के जरिए बताने की भरपूर कोशिश की। इसके अलावा दीन - दुखियों का तिरस्कार नहीं बल्कि उनका आलिंगन कर समाज के मुख्यधारा से जोड़ने सहित भ्रूण हत्या व बालश्रम वाले संदेश को भी बच्चों ने बड़े ही सहजता से देते हुए बताया कि किस तरह जन-जन को तैयार करना है। मौका था धर्म एवं आस्था की नगरी कशी के सेंट जांस स्कूल, मढौली के वार्षिकोत्सव समारोह का।  खास बात यह रही कि रंग-बिरंगे परिधानों से सजे संवरे नन्हें-मुन्नों ने भिन्न - भिन्न मुद्राओं द्वारा पुष्पों की संरचना कर अत्यंत मनोहारी दृश्य प्रस्तुत किया। जिसे देख न सिर्फ अभिभावकों एवं दर्शकों की आंखे खुली की खुली रह गयी बल्कि उनके कला कौशल से वह मंत्रमुग्ध होकर रह गए थे। अतिथियों के स्वागत गीत की जीवंत प्रस्तुति पर दर्शकों की खुशी का ठिकाना न रहा। बच्चों ने कार्यक्रम की शुरुवात प्रभु यीशु की वंदना से की। इसके बाद मानवीय एवं नैतिक मूल्यों को आत्मसात करने की प्रेरणा देता हिन्दी नाटक ‘विहान’ ने दर्शकों को भाव विभोर कर दिया। जबकि अंग्रेजी नाटक ‘सेवन एजेस आॅफ मैन’ महान प्रभु यीशु के जीवन पर आधारित था। इस नाटक में बच्चों को संदेश देने की कोशिश की गयी वे अपने माता पिता के साथ साथ घर के बड़े-बुजुर्गो को उनके वृद्धावस्था के दौरान किस तरह देखभाल करें। इस नाटक को मिस मैरी मैगलीन ने तैयार कराया था।उन्होंने बताया कि मानव जीवन की सात अवस्थाएं होती है। सबसे कठिन अवस्था वृद्धावस्था होता है, उस समय हमें उनके साथ प्रेम व सहानुभूति का व्यवहार करना चाहिए। उनके प्रति सेवाभाव का व्यवहार करना चाहिए। बुजुर्ग दया के नहीं सेवा के पात्र है। उनकी अनदेखी नहीं की जानी चाहिए। ‘युग दृष्टा’ नाटक ने लोगों में एक नई रोशनी जगाई। छात्र-छात्राओं द्वारा प्रस्तुत भांगड़ा नृत्य पर जहां दर्शकों ने भरपूर मनोरंजन किया, वहीं आशायें व वचनवद्ध की प्रस्तुति को खूब सराहा गया।

समारोह का उद्घाटन मिशनरी के धर्मप्रांत बिशप डॉ. यूजीन जोसेफ, विशिष्ट अतिथि एवं स्कूल प्रबंधक फादर माॅरिस, फादर थाॅमसने दीप प्रज्जवलित कर किया। इस दौरान उन्होंने छात्रों से कहा कि अपनी क्षमता और रुचि को पहचानने का यह अच्छा अवसर है, जो भविष्य में तरक्की का मार्ग प्रशस्त करेगा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक छात्र-छात्राओं में प्रतिभा होती है, जिसमें विद्यालय में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों से उनकी प्रतिभा में और अधिक निखार आता है। बौद्धिक विकास होता है। एक आदर्श नागरिक बनने की प्रेरणा मिलती है। प्रधानाचार्य फादर हेनरी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा, इस प्रकार के आयोजनों से हमारी नई पीढ़ी में अच्छे संस्कारों का निर्माण होता है। संचालन छात्रा आयुषी खुशी व वेदांत गोयल ने किया। धन्यवाद ज्ञापन फादर आनंद ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में स्कूल के शिक्षकों का भरपूर योगदान रहा। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के बाद हुआ। इस अवसर पर जौनपुर के शाहगंज से पधारे फादर एंटोनी रोड्रिग्स की उपस्थिति काफी गौरवमयी रही।

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