इमरान ने अमेरिका से कहा, हम आपके 'भाड़े के टट्टू' नहीं - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शुक्रवार, 7 दिसंबर 2018

इमरान ने अमेरिका से कहा, हम आपके 'भाड़े के टट्टू' नहीं

imran-answer-to-usa
इस्लामाबाद, 7 दिसम्बर, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अमेरिका पर 'पाकिस्तान को दरकिनार करने' का आरोप लगाया और कहा कि वह वाशिंगटन से कभी भी ऐसा रिश्ता नहीं चाहेंगे, जहां उनके देश के साथ 'भाड़े के टट्ट' जैसा व्यवहार किया जाए। खान ने वाशिंगटन पोस्ट को गुरुवार को दिए साक्षात्कार में 1980 में सोवियत संघ के विरुद्ध युद्ध और आतंकवाद के खिलाफ मौजूदा संघर्ष का संदर्भ देते हुए कहा, "मैं कभी भी ऐसा संबंध नहीं चाहूंगा, जहां पाकिस्तान के साथ एक भाड़े के टट्ट जैसा व्यवहार किया जाए -किसी और के युद्ध में लड़ने के लिए पैसे दिए जाएं।" उन्होंने कहा, "हमें कभी भी खुद को इस स्थिति में नहीं आने देना चाहिए। इससे न केवल हमारे लोगों की जान गई, हमारे जनजातीय क्षेत्रों को भी क्षति पहुंची, बल्कि हमारी गरिमा को भी ठेस पहुंचा। हम अमेरिका से एक समुचित संबंध चाहेंगे।" यह पूछे जाने पर कि अमेरिका के साथ एक आदर्श संबंध क्या होगा? खान ने कहा, "उदाहरण के लिए, चीन के साथ हमारे संबंध एकपक्षीय नहीं हैं। यह दो देशों के बीच व्यापार संबंध है। हम इसी तरह का संबंध अमेरिका से चाहते हैं।" उन्होंने कहा कि पाकिस्तान चीन की तरफ नहीं झुक रहा है, बल्कि यह वाशिंगटन का व्यवहार है, जिसकी वजह से द्विपक्षीय संबंधों में बदलाव आया है। खान ने कहा, "अमेरिका वास्तव में पाकिस्तान को दरकिनार कर रहा है।" यह पूछे जाने पर कि वह क्यों अमेरिका विरोधी सोच रखते हैं? खान ने कहा कि वाशिंगटन की नीतियों से असहमत होना 'अमेरिका-विरोधी' हो जाना नहीं है। खान ने कहा, "यह काफी साम्राज्यवादी दृष्टिकोण है। या तो आप मेरे साथ हों या मेरे विरुद्ध हों।"

कोई टिप्पणी नहीं: