पटना, 26 दिसम्बर, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के निलंबित सांसद कीर्ति आजाद ने बुधवार को यहां बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी पर दरभंगा हवाई अड्डे से व्यावसायिक उड़ानों के संचालन के लिए सिविल एन्क्लेव बनाने की प्रक्रिया शुरू करने का श्रेय लेने का आरोप लगाया। दरभंगा के सांसद आजाद ने कहा कि इन दोनों की दोस्ती दूसरे की योजनाओं का श्रेय लेने के लिए है, जबकि दरभंगा से व्यवसायिक उड़ान शुरू करवाने की मंशा बिहार सरकार की कभी नहीं रही है। उन्होंने कहा, "दरभंगा में आयोजित कार्यक्रम में मेरी उपेक्षा की गई और स्थानीय मिथिलावासियों को अपमानित किया गया।" आगामी राजनीतिक योजना के विषय में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वे खरमास बाद 17-18 जनवरी को अपनी आगे की रणनीति के बारे में घोषणा करेंगे। विकास के नाम पर झांसा देने का आरोप लगाते हुए आजाद ने कहा कि राज्य सरकार ने 30 एकड़ जमीन अधिग्रहण मामले को लटका रखा है। उन्होंने दावा करते हुए कहा, "आठ दिसम्बर 2015 को मेरे नेतृत्व में उत्तर बिहार के सभी सांसदों ने दरभंगा से व्यावसायिक हवाई सेवा शुरू करने की मांग को लेकर प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी और ज्ञापन सौंपा था। उसी का नतीजा है कि दरभंगा से हवाई सेवा आरंभ करने के लिए नागर विमानन मंत्रालय द्वारा कार्रवाई आरंभ हुई। हमने इसके लिए बहुत मेहनत की।" उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के शासन काल के दौरान बिहार में भ्रष्टाचार और अपराधियों का बोलबाला बढ़ गया है। अफसरशाही, भ्रष्टाचार और अपराध इस सरकार के अंत का आधार बन चुके हैं। आजाद ने दरभंगा में अब तक एम्स शुरू नहीं होने के लिए नीतीश कुमार को दोषी बताते हुए कहा कि वित्तीय वर्ष 2014-15 के बजट में बिहार के लिए स्वीकृत दूसरे एम्स के स्थल में चार साल लगा दिए गए, जबकि यह कार्य 2014 में अगर बिहार सरकार द्वारा कर लिया जाता तो आज दरभंगा में एम्स कार्यरत होता। उन्होंने बताया कि बिहार के सबसे बड़े और पुराने दरभंगा मेडिकल कॉलेज के पास लगभग 257 एकड़ जमीन है। एम्स के लिए 200 एकड़ जमीन की आवश्यकता है। मेडिकल कॉलेज के लिए न्यूनतम 20 एकड़ की जरूरत है। ऐसे में मेडिकल कॉलेज का अस्तित्व हर हाल में बरकरार रहता और अतिरिक्त भूमि में एम्स भी स्थापित हो जाता।
गुरुवार, 27 दिसंबर 2018
हवाई सेवा को लेकर नीतीश व सुशील मोदी पर बरसे कीर्ति आजाद
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