बिहार : स्वास्थ्य मंत्री ने कैंसर विभाग के रेडिएशन सेक्शन का उद्घाटन किया - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 7 दिसंबर 2018

बिहार : स्वास्थ्य मंत्री ने कैंसर विभाग के रेडिएशन सेक्शन का उद्घाटन किया

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पटना ।श्रेष्ठ अस्पतालों में शुमार है राजधानी के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान। इस संस्थान में है कैंसर विभाग। इस विभाग के निदेशक हैं डाक्टर राजेश कुमार सिंह।इनके निर्देशन में कैंसर विभाग तरक्की पर है,तब न सीएम नीतीश कुमार व स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय का आर्शीवाद मिलता रहता है।यह प्रयास हो रहा है कि एक ही छत के नीचे कैंसर का इलाज हो सके।इसके लिए फिलवक्त पांच मंजिला भवन पर्याप्त है।

रेडिएशन सेक्शन का उद्घाटन: 
सूबे के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय हैं।इनके करकमलों से कैंसर विभाग के रेडिएशन सेक्शन का उद्घाटन हुआ।मौके पर कैंसर विभाग के निदेशक डाक्टर राजेश कुमार सिंह, विभाग की ऑफिसर इनचार्ज सिस्टर सुजाता पास्कल,बिहार प्रदेश कॉग्रेस कमिटी के अल्पसंख्यक विभाग के उपाध्यक्ष सिसिल साह समेत संस्थानकर्मी मौजूद थे।

प्रत्येक साल कैंसर के एक लाख मरीजों का होता इलाज :
वर्तमान में आई.जी.आई.एम.एस. में प्रति साल लगभग एक लाख कैंसर मरीजों का इलाज किया जाता है। इसके अलावा काफी संख्या में मरीज टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल, मुंबई इलाज कराने जाते हैं। यहां पर स्टेट कैंसर सेंटर के निर्माण करने के बाद अब कैंसर के मरीजों को मुंबई जाने की जरूरत नहीं होगी। यहीं पर उनका इलाज हो जाएगा।

आई.जी.आई. एम.एस.से संबद्ध 7 दुकानों पर रियायती दर पर मिलती है कैंसर की दवाएं
इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में इलाज करा रहे कैंसर के मरीजों के लिए राहत देने वाली खबर है। उनको 75 फीसदी कम कीमत पर दवाएं उपलब्ध करायी जाती हैं।  अस्पताल प्रशासन ने इसके लिए विशेष बजट पास कर दिया है। कैंसर मरीजों की बढ़ती संख्या और इलाज के खर्च को कम करने के लिए यह निर्णय लिया गया है। रियायती दरों पर दवाएं मिलने से गरीब मरीजों को विशेषकर काफी राहत मिल रही है। कैंसर की दवाएं रियायती दर पर सात दुकानों में मिलती है। इनमें जीएम रोड स्थित जनता ऋषि औषधी, प्रदीप एजेंसी, पूरण मेडिकल, जैन इंटरनेशनल, संदीप इंटरप्राइजेज, मरियन इंटरप्राइजेज और राजाबाजार स्थित ओनमेड मेडिकल स्टोर शामिल हैं. रियायती दर पर दवा लेने के लिए मरीजों को अस्पताल का रजिस्ट्रेशन नंबर या परची और संबंधित डॉक्टर का हस्ताक्षर प्रस्तुत करना पड़ता है।

शिकायत करने पर होगी कार्रवाई: 
जिन दुकानों से करार हुआ है, वहां से अगर छूट नहीं मिलने की शिकायत होती है तो दुकान के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। कार्रवाई के तौर पर जुर्माना या फिर लाइसेंस रद्द किये जाने का प्रावधान किया जा सकता है। मरीज अस्पताल के मेडिकल सुपरीटेंडेट, डायरेक्टर या फिर कंट्रोल रूम के किसी भी अधिकारी को शिकायत कर सकते हैं।    13 हजार की दवा एक हजार में    कैंसर के इलाज के लिए करीब 200 प्रकार की दवाएं इन दुकानों पर उलब्ध करायी गयी हैं। कीमोथेरेपी की दवा  डोसेटाक्सेल 120 एमजी 75 प्रतिशत छूट के साथ करीब एक हजार रुपये में मिलेगी। इस दवा की एमआरपी 13,440 रुपये है। कैंसर से हर साल पांच लाख की मौत   आंकड़ों के मुताबिक भारत में हर साल लाखों में कैंसर डाइग्नोज होता है। एक आधिकारिक रिपोर्ट के मुताबिक 28 लाख लोगों को कभी भी कैंसर हो सकता है और पांच लाख लोग हर साल इस रोग से मरते हैं। वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक भारत में सालाना 1,45,000 महिलाओं में स्तन कैंसर होने का पता चलता है। स्तन कैंसर की दवा का एक कोर्स 75,000 रुपये का होता है। रोगी को 17 कोर्स लेने की जरूरत होती है।   सात दुकानोें से करार   मरीजों की सुविधा के लिए आइजीआइएमएस ने सात दुकानों से करार किया है। इन दुकानों पर मरीज अस्पताल की परची व रजिस्ट्रेशन नंबर दिखाकर 75 प्रतिशत सस्ती दरों पर कैंसर की दवा खरीद सकते हैं। वहीं इनमें से कोई भी दुकानदार अधिक रेट में दवा बेचता है और मरीज शिकायत करता है तो कार्रवाई होगी।

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