नयी दिल्ली, 13 दिसंबर, राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडु संसद भवन की सुरक्षा के लिए शहादत देने वाले सुरक्षाकर्मियों की याद में आज के दिन 13 दिसंबर को सदन चलाना चाहते थे और उन्होेंने इसके लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं के साथ बैठक भी की थी लेकिन अन्नाद्रमुक के रवैये के कारण लगातार दूसरे दिन सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यहां बताया कि श्री नायडु ने कार्यवाही शुरू होने से पहले ही सदन काे सुचारू रुप से चलाने के लिये सदन के नेता अरुण जेटली तथा विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद और संसदीय कार्य मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर एवं अन्नाद्रमुक के नेता के. नवनीत कृष्णन के साथ बैठक की थी। बैठक में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के डी. राजा और द्रमुक की कनिमोझी तथा अन्य दलों के प्रतिनधि मौजूद थे। सूत्रों के अनुसार बैठक में श्री नायडु ने कहा कि सुरक्षाकर्मियों ने लोकतंत्र के मंदिर संसद की सुरक्षा के लिए आज के दिन शहादत दी है। लोकतंत्र के इस मंदिर की सुरक्षा के लिए इन लोगों ने ड्यूटी के दौरान सर्वोच्च बलिदान दिया था । इसलिए उनको श्रद्धांजलि देने के लिए आज सदन का सुचारु कामकाज होना चाहिए। उन्होेंने कावेरी नदी पर बांध बनाने का विरोध कर रहे अन्नाद्रमुक और द्रमुक के सदस्यों से चर्चा करने की अपील की और श्री आजाद से सहयोग मांगा। संसद भवन पर आतंकवादी हमले में नौ लोग मारे गये थे जिनमें दिल्ली पुलिस के पांच जवान , एक महिला सुरक्षाकर्मी , एक माली और एक छायाकार भी शामिल थे । गौरतलब है कि राज्यसभा में आज लगातार दूसरे दिन भी कोई कामकाज नहीं हो सका। सदन की कार्यवाही सुबह शुरु होने के 10 मिनट के भीतर ही दिनभर के लिये स्थगित करनी पड़ी। सदन में अन्नाद्रमुक और द्रमुक के सदस्यों का कावेरी नदी पर बांध बनाने का विरोध करते हुए हंगामा कर रहे हैं।
गुरुवार, 13 दिसंबर 2018

शहादत देने वाले सुरक्षाकर्मियों की याद में राज्यसभा चलाना चाहते थे वेंकैया
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