कांग्रेस के साथ जाने से हमारे वोट शेयर पर बुरा असर पड़ता : मायावती - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

रविवार, 13 जनवरी 2019

कांग्रेस के साथ जाने से हमारे वोट शेयर पर बुरा असर पड़ता : मायावती

congress-alliance-reduce-our-vote-mayawati
लखनऊ, 12 जनवरी, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने शनिवार को यहां कांग्रेस के साथ अपने कड़वे अनुभव बयान किए। मायवती ने कहा, "कांग्रेस के साथ जाने से हमारे वोट शेयर पर बुरा असर पड़ता है। अगर हम इनके साथ नहीं जाते हैं तो हमारे पास वोट का शेयर ज्यादा रहता है। लिहाजा हमने कांग्रेस को गठबंधन से बाहर रखा है।" हालांकि, उन्होंने कांग्रेस की दो सीटें रायबरेली और अमेठी छोड़ दी हैं। उन्होंने कहा, "कांग्रेस या भाजपा दोनों एक ही बात है। अगर हम कांग्रेस से गठबंधन करते हैं तो हमें घाटा होगा। क्योंकि कांग्रेस के समय में भी भ्रष्टाचार हुआ। दोनों पार्टियों ने रक्षा सौदे में घोटाला किया है। कांग्रेस ने बोफोर्स में किया, तो भाजपा राफेल में कर रही है। जैसे हमने मिलकर उपचुनावों में भाजपा को हराया है, उसी तरह हम लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराएंगे।" बसपा अध्यक्ष ने कहा, "कांग्रेस और भाजपा की नीति एक जैसी ही भ्रष्ट है और काग्रेस के साथ जाने पर बसपा को वोट शेयर में नुकसान होता है। सपा, बसपा को कांग्रेस के साथ जाने से कोई खास फायदा होने वाला नहीं है। पूरे देश में कांग्रेस पार्टी या इस तरह की किसी भी अन्य पार्टी से गठबंधन करके चुनाव नहीं लड़ेंगे, जिससे हमारा वोट ही कट जाए।" मायावती ने कहा, "1996 में हमारा कांग्रेस के साथ कड़वा अनुभव रहा था। उस समय हमारा जनाधार घट गया था। वहीं 2017 के विधानसभा चुनाव में यही स्थिति अखिलेश यादव ने देखी। वहीं भाजपा और कांग्रेस दोनों के शासन काल में आपातकाल जैसे हालात हैं।" गौरतलब है कि सपा, बसपा ने शनिवार को को गठबंधन की घोषणा की है। दोनों दल लोकसभा चुनाव मिलकर लडें़गे। दोनों ने उप्र की 38-38 सीटों पर लड़ने का ऐलान किया है। इसके अलावा, दो सीटें अन्य सहयोगियों के लिए छोड़ी गई हैं। ये दल कौन से होंगे, इसका खुलासा नहीं किया गया है।

कोई टिप्पणी नहीं: