नयी दिल्ली, 02 जनवरी, कृषि, कपड़ा, चमड़ा, हस्तशिल्प और मशीनरी से संबंधित छोटे उद्याेगों के उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देेने के लिये सरकार ने निर्यात कारोबारियों को भी ब्याज छूट योजना में शामिल करने का फैसला किया है जिससे उन्हें 600 करोड़ रुपये से अधिक का लाभ होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को यहां हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में निर्यात कारोबारियों को ‘निर्यातक ब्याज छूट योजना’ में शामिल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी। बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि निर्यात कारोबारियों को ब्याज छूट योजना की बाकी अवधि में शामिल करने का फैसला किया गया है। इससे निर्यात कारोबारियों को तीन प्रतिशत की ब्याज दर से ऋण मिल सकेगा और उन्हें 600 करोड़ रुपये का लाभ होगा। उन्होेंने बताया कि इस योजना में शामिल करने के लिये 416 उत्पादों का चयन किया गया है जो श्रम आधारित उद्याेगों से संबंधित हैं। ये उत्पाद कृषि, कपड़ा, चमड़ा, हस्तशिल्प और मशीनरी से संबद्ध हैं। श्री प्रसाद ने बताया कि निर्यात कारोबारियों को ब्याज छूट योजना में शामिल करने की मांग लंबे समय से की जा रही थी। इससे प्रतिस्पर्धा में इजाफा होगा और छोटे उद्योगों के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। निर्यात बढ़ने से उत्पादन बढेगा और रोजगार के अवसरों को सृजन होगा। यह योजना को निर्यातकों का प्रोत्साहन देने के लिये एक अप्रैल 2015 को पांच वर्ष की अवधि के लिये लागू की गयी थी। इसमें श्रम आधारित छोटे उद्योगों को तीन प्रतिशत और अन्य छोटे उद्योगों को पांच प्रतिशत की दर से पूंजी उपलब्ध करायी जाती है। हालांकि इसमें निर्यात कारोबारी शामिल नहीं थे।
बुधवार, 2 जनवरी 2019
निर्यात कारोबारियों को भी मिलेगी ब्याज छूट
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