नयी दिल्ली 18 जनवरी, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि मोदी सरकार अंतरिम बजट पेश किये जाने की परंपरा को तोड़ते हुये 01 फरवरी को सिर्फ लेखा अनुदान पेश नहीं करेगी। श्री जेटली ने कहा कि कुछ चुनौतियों के समाधान सहित अर्थव्यवस्था के हित को भी अंतरिम बजट में शामिल किया जायेगा। उन्होंने कहा कि आम चुनाव के मद्देनजर आम तौर अंतरिम बजट पेश करने की परंपरा रही है और इस परंपरा से अलग हटने का कोई कारण भी नहीं है। लेकिन, अर्थव्यवस्था के हित को ध्यान में रखते हुये इस वर्ष अंतरिम बजट कुछ हटकर होगा जिस पर अभी न तो चर्चा की जा सकती है और न ही इसका खुलासा किया जा सकता है। वित्त मंत्री ने सीएनबीसी टीवी 18 के इंडिया बिजनेस लीडर पुरस्कार समारोह को न्यूयार्क से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संबोधित करते हुये यह बात कही। वह अभी उपचार के लिए अमेरिका गये हुये हैं। उन्होंने कहा कि बजट को लेकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार में कोई घबराहट नहीं है और वह अपने प्रदर्शन काे लेकर आश्वस्त है। हालांकि, इसके बावजूद अब भी कुछ ऐसी चीजें हैं जो चिंताजनक हैं। सात से साढ़े सात प्रतिशत की विकास दर संतोषजनक नहीं है और आठ प्रतिशत विकास दर की बाधा को पार करना होगा। श्री जेटली ने कहा कि आधार के माध्यम से हुयी वार्षिक बचत से कई योजनाओं के लिए धनराशि मिल सकती है और इससे सरकार को अनावश्यक योजनाओं को समाप्त करने में मदद मिली है। उन्होंने कहा कि सरकार की पिछले पाँच वर्ष की कई ऐसी उपलब्धियाँ हैं जो संतोषप्रद हैं। राजग सरकार अर्थव्यवस्था की विश्वसनीयता स्थापित करने में सफल रही है। किसानों के राहत पैकेज के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के समक्ष चुनौतियाँ हैं और लोकप्रियता की बजाय तर्कसंगत पहल को बाजार समझेगा।
शुक्रवार, 18 जनवरी 2019
लेखा अनुदान से अधिक से होगा अंतरिम बजट : जेटली
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