दुरन्तो में हुई जमकर लूटपाट ट्रेन के जवान रहे बे-सुध - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 17 जनवरी 2019

दुरन्तो में हुई जमकर लूटपाट ट्रेन के जवान रहे बे-सुध

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अभी अभी राजधानी से खबर आई है कि,रेल के सफर में यात्री कितने सुरक्षित हैं।इसकी पोल आज सुबह एकबार फिर खुली है। राजधानी,शताब्दी के बाद सबसे वी०आई०पी० माने जाने वाली दुरन्तो एक्सप्रेस के यात्री भी आज राष्ट्रीय राजधानी में लूट का शिकार हो गए।बताया जा रहा है कि जम्मू से दिल्ली आ रही दुरन्तो एक्सप्रेस में बदमाशों ने यात्रियों से चाकू दिखाकर भारी मात्रा में मोबाइल,कैश और ज्वैलरी लूट ली। बदमाशों ने कोच नंबर बी3 और बी7 के यात्रियों को निशाना बनाया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

ट्रेन के सिग्नल फेल कर दिया घटना को अंजाम
 बताया जा रहा है कि हथियारबंद अप्राधिकर्मी ट्रेन का सिग्नल फेल कर कोच बी-3 और बी-7 में घुसे और चाकू के बल पर यात्रियों को लूटना शुरु कर दिया। यात्रियों की मानें तो  लगभग आधे घंटे तक ट्रेन में लूटपाट चलती रही, लेकिन ट्रेन में मौजूद किसी भी सुरक्षा जवान को इसकी भनक तक नहीं हुई। करीब 4 बजे ट्रेन बादली आउटर से चली और जब ट्रेन 4:20 बजे सराय रोहिल्ला रेलवे स्टेशन पहुंची,तब यात्रियों ने पुलिस से शिकायत की। वहीं रेल मंत्रालय के ट्विटर पर भी शिकायत की जा चुकी थी।

ऐसे में तो हो सकता था इससे भी बड़ा हादसा मगर इस तरह के हादसों की कोई खबर नहीं है। 
दुरन्तो एक्सप्रेस की अधिकतम रफ्तार 130 किलोमीटर प्रतिघंटा होती है। अगर ग्रीन सिग्नल अचानक रेड हो जाए तो नियम के अनुसार ड्राइवर को ट्रेन रोकनी पड़ती है। फुल स्पीड से अचानक ट्रेन को रोकने पर ट्रेन के पटरी से उतरने का खतरा रहता है। बताते चलूँ  कि इस रूट पर नरेला के पास इमरजेंसी ब्रेक लगाने से कालका मेल पटरी से उतर चुकी थी कभी।

 बीते साल में बढ़ी लूट की घटनाओं पर एक नजर।
 रेलवे के रेकॉर्ड पर नजर डाली जाए तो दिल्ली सीमा में ट्रेनों और स्टेशनों पर लूट की घटनाओं में इजाफा हुआ है।जी०आर०पी० के रेकॉर्ड के अनुसार साल 2018 में लूट के 14 मामले दर्ज किए गए जबकि 2017 में 10 मामले दर्ज हुए थे।डी०सी०पी० रेल का कहना है कि इस मामले में लूट का केस दर्ज कर लिया गया है। अपराधियों की तलाश की जा रही है। बहुत जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर उनपर कानूनी कारवाई की जाएगी,वो जो भी हों जहाँ भी हों पुलिस के गिरफ्त से ज्यादा दूर नहीं होंगे।यथा शीघ्र वो जेल के सलाखों के पीछे होंगे। 

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