नयी दिल्ली, 30 जनवरी, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के कार्यकाल में आम चुनाव से पूर्व संसद का अंतिम सत्र गुरूवार से शुरू हो रहा है जिसमें मोदी सरकार अंतरिम बजट पेश करने के साथ-साथ कई महत्वपूर्ण लंबित विधेयकों को पारित करायेगी वहीं विपक्ष पूरे दम-खम के साथ राफेल विमान सौदे समेत विभिन्न मुद्दों पर उसे घेरने की पुरजोर कोशिश करेगा। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन और संसदीय कार्य मंत्री नरेन्द्र तोमर संसद सत्र को सुचारू रूप से चलाने के लिए सभी दलों के नेताओं के साथ सलाह मश्विरा कर रहे हैं। विपक्ष के विभिन्न मुद्दों पर हंगामे के कारण राज्यसभा में कोई खास कामकाज नहीं हो सका जबकि लोकसभा में भी हंगामे के बीच ही कुछ कामकाज हो सका था। तेरह फरवरी तक चलने वाले बजट सत्र की शुरूआत संसद के संयुक्त अधिवेशन में राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ होगी। इससे अगले दिन यानी एक फरवरी को अंतरिम बजट पेश होगा। वित्त मंत्री अरूण जेटली के अमेरिका में इलाज कराने के कारण उनकी जगह वित्त मंत्री की जिम्मेदारी निभा रहे श्री पीयूष गोयल अंतरिम बजट पेश करेंगे। राजग सरकार में यह पहला मौका है जब श्री जेटली बजट पेश नहीं कर पा रहे हैं। आम चुनाव को देखते हुए मोदी सरकार के अंतिम बजट को लेकर पिछले कुछ दिनों से ये अटकलें लगायी जा रही थी कि इस बार भी पूर्ण बजट पेश किया जायेगा। इन अटकलों को उस समय और हवा मिली जब श्री जेटली ने कहा कि इस बार का बजट लेखानुदान से कुछ अधिक होगा। श्री जेटली की इस टिप्पणी पर तिखी प्रतिक्रिया हुई और इसे संसदीय परंपरा का उल्लंघन करार दिया गया। अंतरिम बजट की जगह पूर्ण बजट पेश किये जाने की रिपोर्टों पर विपक्ष के कड़े विरोध को देखते हुए आखिरकार आज सरकार ने स्पष्ट कर दिया कि संसद में अंतरिम बजट ही पेश किया जायेगा।
बुधवार, 30 जनवरी 2019
चुनाव से पहले सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच संसद में होगा घमासान
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