नयी दिल्ली 12 जनवरी, तीन तलाक से जुड़े विधेयक तथा दो अन्य विधेयकों के संसद के शीतकालीन सत्र में पारित नहीं होने के कारण फिर से लाये गये संबंधित अध्यादेश को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को मंजूरी दे दी। तलाक-ए-बिद्दत यानी तीन तलाक की प्रथा को दंडनीय अपराध बनाने संबंधी मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधयेक, 2018, भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद (संशोधन) विधेयक, 2018 और कंपनी (संशोधन) विधेयक, 2019 लोकसभा में पारित हो गये, लेकिन इन्हें राज्यसभा में पारित नहीं किया जा सका। इसलिए, मंत्रिमंडल ने गत 10 जनवरी को दोबारा अध्यादेश लाने का फैसला किया। तीन तलाक और आयुर्विज्ञान परिषद् पर अध्यादेश पिछले साल सितंबर में तथा कंपनी कानून में संशोधन के लिए अध्यादेश पिछले साल नवंबर में लाया गया था। संसद के शीतकालीन सत्र में तीनों से संबंधित विधेयक लोकसभा में पारित हो गये, लेकिन हँगामे के कारण राज्यसभा में ज्यादातर समय कार्यवाही बाधित रहने से ये उच्च सदन में पारित नहीं हो सके। उल्लेखनीय है कि अध्यादेश लाने के बाद अगले संसद सत्र के शुरू होने के 42 दिन के भीतर उससे जुड़ा विधेयक संसद के दोनों सदनों में पारित नहीं हो पाता है तो अध्यादेश स्वत: निरस्त हो जाता है। इसलिए सरकार को तीनों अध्यादेश दुबारा लाने पड़े हैं।
शनिवार, 12 जनवरी 2019
तीन तलाक पर नये अध्यादेश को राष्ट्रपति की मंजूरी
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