नई दिल्ली, 12 जनवरी, बांग्लादेशी लेखिका और महिला अधिकार कार्यकर्ता तसलीमा नसरीन ने शनिवार को यहां नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले में विवादास्पद 'लज्जा' उपन्यास की उत्तर कथा 'बेशरम' का विमोचन किया। उपन्यास 'बेशरम' का लोकार्पण राजकमल प्रकाशन के स्टाल जलसाघर में हुआ। इस मौके पर लेखिका अल्पना मिश्रा, हिमांशु बाजपेयी एवं राजकमल प्रकाशन के प्रबंध निदेशक अशोक महेश्वरी मौजूद थे। इस उपन्यास का बांग्ला भाषा से हिंदी में अनुवाद उत्पल बैनर्जी द्वारा किया गया है। उपन्यास 'लज्जा' में हिन्दुओं को बांग्लादेश से कैसे सांप्रदायिक दंगों के कारण देश छोड़ना पड़ा, इसकी कहानी थी। वहीं 'बेशरम' उपन्यास के पात्र सुरंजन और माया, जो बांग्लादेश छोड़ने के बाद हिंदुस्तान आए और उन लोगों ने कैसे पराये देश में अपने जीवन यापन के लिए संघर्ष किया, उनकी कहानी है। नसरीन ने कहा, "यह कोई राजनीतिक कहानी नहीं बल्कि एक सामाजिक कहानी है, जो उनकी जिंदगी, परिवार और संबंधों के बारे में है। मैं खुद को इस उपन्यास में देखती हूं क्योंकि किताब को लिखते वक्त मैं कोलकाता में रह रही थी।" निर्वासन के बारे में अपना व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए तसलीमा ने माना कि जो लोग उस समय बांग्लादेश छोड़ कर भारत आए थे अगर वे चाहें तो वापस अपने देश जा सकते हैं लेकिन उनके पास वह मौका नहीं है। उन्होंने कहा, " 'लज्जा' लिखने के बाद मुझे बांग्लादेशी सरकार ने प्रतिबंधित कर दिया। यहां आने वाले लोगों की तुलना में मेरी पीड़ा में अंतर है।"
रविवार, 13 जनवरी 2019
तसलीमा नसरीन ने 'बेशरम' के हिंदी संस्करण का विमोचन किया
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