अरुण कुमार (आर्यावर्त्त) बिहार के नियोजित शिक्षकों के वेतन भुगतान में भी बड़ा फर्जीवाड़ा करने की मंशा पकड़ में आई है। सूबे के अशिकांश जिलों से जो रिपोर्ट आई है उसमें नियोजित शिक्षकों की संख्या को बढ़ाकर वेतन का डिमांड पत्र बिहार शिक्षा परियोजना कार्यालय को भेजा गया है। साथ ही प्रति शिक्षक वेतन मद में जितना भुगतान पहले होता था उससे अधिक की राशि बता कर मांग पत्र भेजा गया है।बिहार शिक्षा परियोजना के निदेशक ने अरवल जिला को छोड़ सभी जिलों के डीपीओ से स्पष्टीकरण की मांग किया गया है।परियोजना निदेशक ने सभी डीपीओ से पूछा है कि आखिर शिक्षकों की संख्या में बढ़ोतरी कैसे हो गई? साथ ही यह भी स्पष्ट करें कि अब तक एक शिक्षक के वेतन मद में जितनी राशि जाती थी उससे अधिक राशि क्यों बताई गई है? निदेशक ने कहा है कि तत्काल 2 दिनों के भीतर अपनी स्थिति स्पष्ट करें।
कैसे हुआ इस बात का खुलासा :-
दरसअल सभी जिलों ने अगस्त 2018 और जनवरी-फरवरी 2019 में नियोजित शिक्षकों के वेतन के लिए जो मांग पत्र निदेशालय को भेजा था,दोनों में काफी अंतर है।न सिर्फ शिक्षकों की संख्या में बल्कि एक शिक्षक के वेतन मद में भी अधिक राशि बतायी गयी है। इसे जब मिलान किया गया तब जाकर इसका खुलासा हुआ है। अब देखना होगा कि जिलों के डीपीओ क्या जवाब दाखिल करते हैं।
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