नयी दिल्ली 25 फरवरी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘नेहरू-गांधी परिवार’ पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए आज आरोप लगाया कि उसने राष्ट्रीय हित और सेनाओं की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया तथा देश की सुरक्षा को अपनी कमाई का जरिया बना लिया था। श्री मोदी ने यहां देश के पहले युद्ध स्मारक , ‘राष्ट्रीय समर स्मारक’ को राष्ट्र को समर्पित करने के मौके पर पूर्व सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा कि अपने आपको देश का भाग्य विधाता समझने वाले लोगों ने राष्ट्रीय सुरक्षा और सेना के साथ खिलवाड़ में कमी नहीं छोड़ी। पूर्व सैनिक तो यह बात जानते हैं लेकिन नयी पीढी को भी पता चलना चाहिए कि राष्ट्रीय सुरक्षा को किसने नजरंदाज किया। उन्होंने कहा कि सेना ने वर्ष 2009 में 1 लाख 86 हजार बुलेट प्रूफ जैकेट की मांग की थी। लेकिन 2009 से लेकर 2014 तक पाँच साल बीत गए,सेना के लिए बुलेटप्रूफ जैकेट नहीं खरीदी गयी। सैनिक बिना सुरक्षा कवच के लड़ते रहे। उन्होंने सवाल किया कि सैनिकों को सुरक्षा कवच से वंचित रखने का पाप किसने किया। यह कलंक किसके माथे पर है। श्री मोदी ने कहा कि सेना और देश की सुरक्षा को उन लोगों ने अपनी कमाई का साधन बना लिया था। शायद शहीदों को याद करके उन्हें कुछ मिल नहीं सकता था, इसलिए उन्हें भुलाना ही उन्हें आसान लगा। उन्होंने नेहरू-गांधी परिवार का नाम लिये बिना कहा कि बोफोर्स से लेकर हेलीकॉप्टर तक, सारी जांच का एक ही परिवार तक पहुंचना, बहुत कुछ कह जाता है। अब यही लोग पूरी ताकत लगा रहे हैं कि भारत में राफेल विमान न आ पाए। अगले कुछ महीनों में जब देश का पहला राफेल, भारत के आसमान में उड़ान भरेगा, तो खुद ही इनकी सारी साजिशों को ध्वस्त कर देगा। उन्होंने कहा कि स्कूल से लेकर अस्पताल तक, हाईवे से लेकर एयरपोर्ट तक, स्टेडियम से लेकर अवॉर्ड तक – हर जगह एक ही परिवार का नाम जुड़ा रहता था। देश का हर फौजी, हर नागरिक ये सवाल पूछ रहा है कि आखिर शहीदों के साथ यह बर्ताव क्यों किया गया? देश के लिए खुद को समर्पित करने वाले महानायकों के साथ इस तरह का अन्याय क्यों किया गया? वो कौन सी वजहें थीं, जिसकी वजह से किसी का ध्यान शहीदों के लिए स्मारक पर नहीं गया ‘इंडिया फर्स्ट और फैमिली फर्स्ट ’ का जो अंतर है, वही इसका जवाब है।
सोमवार, 25 फ़रवरी 2019
देश की सुरक्षा को ही कमायी का जरिया बना लिया था एक परिवार ने : माेदी
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