नयी दिल्ली, 10 फरवरी, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के पास ग्रेटर नोएडा में रविवार से पेट्रोलियम प्रौद्योगिकी का महाकुंभ पेट्रोटेक 2019 का 13वां संस्करण शुरू हो गया। इस तीन दिवसीय सम्मेलन के पहले दिन स्वागत सत्र को संबोधित करते हुये पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि देश की ऊर्जा जरूरतों का 55 प्रतिशत तेल एवं गैस क्षेत्र से पूरा होता है। अगले 20 साल में भारत तथा दुनिया में उर्जा की खपत तेजी से बढ़ेगी तथा उसमें तेल एवं गैस क्षेत्र का सबसे बड़ा योगदान होगा। हालांकि उन्होंने उत्पादन बढ़ाते समय पर्यावरण का ध्यान रखने की भी सलाह दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को सम्मेलन का औपचारिक उद्घाटन करेंगे। इसमें 90 देशों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं जिनमें कई देशों के पेट्रोलियम मंत्री भी शामिल हैं। श्री प्रधान ने बताया कि दुनिया में आज पेट्रोलियम सेक्टर तेजी से बदल रहा है। यूरोप की जगह एशिया सबसे बड़े उपभोक्ता के रूप में उभरा है। शेल गैस की खोज के बाद अमेरिका सबसे बड़ा उत्पादन बन गया है। उर्जा में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी तेजी से बढ़ रही है तथा सौर ऊर्जा सबसे टिकाउ विकल्प के रूप में सामने आयी है। उन्होंने कहा कि अगले कुछ साल में देश की 70 प्रतिशत आबादी और 53 प्रतिशत क्षेत्रफल में सिटी गैस वितरण तंत्र का विस्तार हो जायेगा। प्रेट्रोलियम मंत्री ने इस मौके पर हाइड्रोकार्बन एक्सप्लोरेशन एंड लाइसेंसिंग पॉलिसी के तहत तीसरे निविदा चक्र की शुरुआत भी की। इसके तहत 32 हजार वर्ग किलोमीटर के 23 ब्लॉकों का आवंटन होना है। इनमें 18 ब्लॉकों के लिए बोलीदाताओं ने अभिरुचि पत्र दिये हैं जबकि शेष पांच ब्लॉक कोल बेड मिथेन के हैं जिन्हें सरकार ने अपनी पहल पर निविदा के लिए रखा है। श्री प्रधान ने प्रदर्शनी क्षेत्र में पेट्रोलियम क्षेत्र की विभिन्न कंपनियों की प्रदर्शनियों का भी उद्घाटन किया।
रविवार, 10 फ़रवरी 2019
ग्रेटर नोएडा में शुरू हुआ पेट्रोलियम प्रौद्योगिकी का महाकुंभ
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