बिहार : आई.जी.एस.एस.एस.से उम्मीद है कार्यक्रमों में साझेदारी हो - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 22 मार्च 2019

बिहार : आई.जी.एस.एस.एस.से उम्मीद है कार्यक्रमों में साझेदारी हो

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कुर्सेला।बिहार में भी आई.जी.एस.एस.एस. का कार्य संचालित है। उसने प्रभावशाली कार्य करने वाली संस्थाओं का चयन किया है। उनके सहयोग दिया जाता है। कार्यक्रमों में लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करायी गयी है। उनसे भी अंषदान लिया जाता है। जो लोगों के कार्यक्रमों को खुद का कार्यक्रम बनाने की दूरदृष्टि है। यहां तक लोग कहने लगे है कि आपलोग शानदार कार्य कर रहे हैं। इसके आलोक में कार्य जारी रखे। अभी तो यह शुरूआत ही है इसकी रिजल्ट आने लगी है। 

ग्रासरूट की समस्याओं पर विश्लेषण
आई.जी.एस.एस.एस.को गैर सरकारी संस्थाओं के द्वारा प्रेषित रिपोर्ट पर फीडबैक देने की जरूरत। संस्था द्वारा प्रेषित ई-मेल पर ध्यान देना जरूरी है। सबका विश्लेषण करके तुरंत जवाब देने की आवश्यकता है। इस और किस तरह से सुधार लाया जा सकें। सहयोगी की भूमिका में उपाय बताने की जरूरत है। सभी संस्थाओं का वाट्सऐप बना दिया जाए ताकि अप-टू-डेट कार्यकर्ता कर सके। इसमें गांवघर में होने वाले कार्यों का उल्लेख हो। अगर फोटो मिल जाए तो बेहतर ही होगा। सभी तरह के सामग्री को मिलाकर आई.जी.एस.एस.एस.मासिक न्यूज लेटर प्रकाशित कर सकता है। इसमें संस्थाओं के द्वारा किये गए कार्य शामिल किया जा सकता है। अगर कोई नवाचार कर रहा है। तो प्रमुखता से शामिल कर लेना चाहिए। इसे कार्यकर्ताओं के बीच में शेयर कर देने की जरूरत है। उम्मीद है कि इस ओर आई.जी.एस.एस.एस. कदम उठाएगा। 

आजीविका के तहत निर्मित समानों की बिक्री और मेला
किसी तरह का नवाचार कार्य सहयोगी संस्था कर सके। उसे प्रोत्साहित करने की जरूरी है। इस कार्य करवाने के लिए अलग से राशि और संसाधन आई.जी.एस.एस.एस. उपलब्ध कराए। ऐसा करने से लोगों को प्रशिक्षण और सामग्री उपलब्ध कराया जा सकता है। यह बता दें कि बचत समूह निर्माण तो हो रहा है। सरकारी कार्यक्रम से लोगों को लाभ दिलवाने में बहुत ही परेशानी उठानी पड़ती है। अगर मोमबती बनाने का ट्रेनिंग देकर संसाधन उपलब्ध करा देने से आजीविका को सुदृढ़ करने में सहायता मिलेगी। इस समय मच्छर मार अगरबती बनाया जा सकेगा। उम्मीद है कि तरह के सुझाव को अमल में लाया जा सकेगा। 

जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए
अलग से संसाधन उपलब्ध करवाने की जरूरत है। नकद नहीं परन्तु किसी तरह के वोकेशनल ट्रेर्निंग देकर। इस तरह की सामग्री उत्पादन करके बाजार में बेचने की जानकारी ट्रेनिंग के दरम्यान ही दिया जा सकता है। जानकार लोगों से उत्पादन व बाजार के बारे में जानकारी दे सकते हैं। इसके लिए टीम गठित करना जरूरी है। इसमें आई.जी.एस.एस.एस. और सहयोगी संस्था मिलकर ऐसे कार्यक्रमों में साक्षेदारी बन सकते हैं। इनके द्वारा क्षेत्र का चयन किया जा सकता है। ऐसा करके डोनर संस्था के उद्देश्यों को पूर्ण किया जा सकता है। समाज के हाशिए पर रहने वालों का जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए। जो आजीविका का साधन है उसमें वृद्धि करना। सरकार और गैर सरकारी संस्थाओं के पास नौकरी नहीं है। जो आसानी से दें सके। इस लिए सीमित संसधान के बल पर आजीविका को सुदृढ़ करना है। वह भूमि और गैर भूमि से प्राप्त किया जा सकता है। जरूरत मंदों को सामाजिक सुरक्षा योजना से लाभ लेना है। 

पंचायत से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर एडवोकेसी का कार्य हो
आई.जी.एस.एस.एस.के द्वारा चयनित गैर सरकारी संस्थाओं का चयन किया गया है। ऐसी संस्थाओं का चयन किया जाता है। जो शानदार ढंग से कार्य किए हैं। जिनका ग्रामीण लोगों के बीच में जुड़ाव है। ग्रामीण लोगों के बीच में जुड़ाव होना जरूरी है। तब जाकर लोगों की समस्या को लेकर कार्य कर सकते हैं। गांव में सीबीओ बना सकेंगे। उनकी समस्याओं को लेकर लोगों की नेतृत्व में समस्याओं का समाधान करते हैं। इसके लिए नेतृत्व करने वाले अपने पैमाने से पंचायत के मुखिया और अन्य जन प्रतिनिधियों से सम्र्पक करते हैं। प्रखंड के विकास पदाधिकारी और अंचल पदाधिकारी से मिलते हैं। इसी तरह जिला स्तर के अधिकारियों मिलते हैं। इसका मतलब पंचायत, प्रखंड और जिला स्तर पर एडवोकेसी करते हैं। क्या पंचायत,प्रखंड और जिला स्तर पर ठीक तरह से एडवोकेसी हो रहा है? इस पर ध्यान देने की जरूरत है। यह कार्य आई.जी.एस.एस.एस. के अधिकारी कर सकते हैं। इनके मुद्दे आजीविका, आवासीय भूमि, खेतिहर भूमि, सामाजिक सुरक्षा, जैविक खेती, महात्मा गांधी नरेगा, पर्यावरण, शुद्धपेय जल, कुटीर उघोग, आय में वृद्धि आदि है। इसको लेकर जिला स्तर पर नेटवर्किग बनाने की जरूरत है। नेटवर्किंग को लेकर जिला स्तर पर ट्रेनिंग देने की जरूत है। 

आई.जी.एस.एस.एस एडवोकेसी करने में मार्गदर्शन करें
आई.जी.एस.एस.एस. के द्वारा पंचायत, प्रखंड, जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर समस्याओं को लेकर एडवोकेसी करने में मार्गदर्शन करें। ऐसा करने से कार्य में निखार आएगा। ग्रामीण भी समझ सकेंगे पंचायत से कार्य नहीं होगा तो हमलोगों की समस्या का समाधान एडवोकेसी के माध्यम से राज्य से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक किया जा सकता है। इसके लिए जरूरी है द्वारा नेषलन और स्टेट लेबल पर एडवोकेसी टीम गठित हो। जो पंचायत, प्रखंड,जिला,राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर एडवोकेसी करने वालों का नेटवर्किंग बने। उम्मीद है कि इस साल आई.जी.एस.एस.एस.के द्वारा किया जाएगा। 

ऐसे कार्य करने में समय सीमा निर्धारित नहीं
आजादी के बाद से ही गरीबी उन्मूलन करने का प्रयास किया गया। मगर आजतक ग्रामीण  व शहरी क्षेत्रों में गरीबी दूर नहीं हो सकी। इसी लिए सीमा निर्धारित नहीं किया जा सकता है। मगर यह जरूर है कि वास्तव में लोगों का जीवन स्तर में सुधार हो व आजीविका का साधन विकसित हो। इसे बखूबी जानकार कार्यकर्ता मूल्यांकन कर सकते हैं। उनके कार्यों में सहयोग भी कर सकते हैं। 

सहयोगी संस्था और कार्यकर्ता को प्रोत्साहित करना जरूरी
आई.जी.एस.एस.एस. के द्वारा शानदार कार्य करने के एवज में सहयोगी संस्था को प्रोत्साहित करने के लिए प्रशंस्ति पत्र देने की शुरूआत करना चाहिए। इसी तरह कार्यकर्ता को भी प्रषंस्ति पत्र दें। ऐसा करने से संस्था और कार्यकर्ताओं के बीच में प्रतिस्पर्घा बढ़ेगी। इसका दुष्परिणाम न हो इस ओर ध्यान देने की जरूरत है। सभी तरह के विश्लेषण करने के बाद ही शुरूआत करने की उम्मीद है। 

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