मधुबनी : जयनगर के डॉ. चन्द्रवीर नमामि गंगे प्रोजेक्ट में साइंटिस्ट के रूप में चयनित - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 25 मार्च 2019

मधुबनी : जयनगर के डॉ. चन्द्रवीर नमामि गंगे प्रोजेक्ट में साइंटिस्ट के रूप में चयनित

  • आईआईटी धनबाद से कर चुके हैं पढ़ाई

डॉ. चन्द्रवीर नारायण का भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में वैज्ञानिक पद पर चयन, एसोसिएट्स फेलो(3) के लिए सफल होकर बढ़ाया मान, मिल रही बधाइयां

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जयनगर(मधुबनी) मधुबनी जिला के जयनगर प्रखंड अंतर्गत बेलही दक्षिणी पंचायत के खैरामठ गांव निवासी योगेंद्र यादव के पुत्र डॉ. चन्द्रवीर नारायण का सेलेक्शन भारत सरकार के केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में एसोसिएट्स फेलो(थ्री-3) के लिए हुआ है। पर्यावरण मंत्रालय के अधीन सेंट्रल पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड में दिल्ली के लिए सेलेक्शन हुआ है। इनका चयन गंगा नदी के लिए PIAS प्रोजेक्ट(पॉल्युशन इंवेंटोराइजेशन, असेसमेंट एंड सर्विलांस) के लिए किया गया है। पीआईएएस प्रोजेक्ट नमामि गंगे प्रोजेक्ट के अंतर्गत NMCG द्वारा फंडिंग किया गया है। बोर्ड द्वारा कुल 5 तरह के पदों के लिए वॉक-इन-इंटरव्यू का आयोजन 13, 14 और 15 फरवरी को नई दिल्ली में किया गया था। अनुबंध आधारित इस प्रोजेक्ट के लिए साइंटिस्ट-बी के लिए 3, एसोसिएट्स फेलो(एक) के लिए 2, एसोसिएट्स फेलो(दो) के लिए 1, एसोसिएट्स फेलो(तीन) के लिए 7 और सीनियर रिसर्च फेलो के लिए 7 पदों के लिए सिलेक्शन किया गया है। चयनित उम्मीदवारों की सूची में एसोसिएट्स फेलो(थ्री) कैटेगरी में डॉ. चन्द्रवीर नारायण का स्थान 6ठा है।

कौन हैं डॉ. चन्द्रवीर नारायण?
जयनगर के शहीद चौक निवासी(मूल पैतृक निवास खैरामठ) योगेंद्र यादव के पुत्र डॉ. चन्द्रवीर नारायण का जन्म 9 जून 1983 को जयनगर में हुआ था। वे चार भाइयों में दूसरे नम्बर पर हैं। उनकी प्रारम्भिक शिक्षा-दीक्षा गाँव में ही हुई। इसके बाद 1999 में मैट्रिक और 2001 में प्रथम श्रेणी से इंटरमीडिएट साइंस की परीक्षा उतीर्ण किया। फिर पटना यूनिवर्सिटी में बॉटनी विषय से 2007 में प्रथम श्रेणी में ग्रेजुएशन और पीयू से ही 2010 में एनवायरोमेंटल साइन्स एंड मैनेजमेंट में प्रथम श्रेणी से एमएससी किया। ततपश्चात 2016 में आईआईटी धनबाद(आइएसएम धनबाद) से एनवायरोमेंटल साइंस(पर्यावरण विज्ञान) में पीएचडी किया। एमएससी में थीसिस टाइटल पद्मश्री डॉ. रवींद्र कुमार सिन्हा के सुपरविजन में "सोर्स आइडेंटिफिकेशन, एमिशन इंवेंटोराइजेशन एंड सोर्स एपोर्शनमेन्ट स्टडीज ऑफ एयर पॉल्यूटैंट ऑफ म्युनिसिपल एरिया इन पटना" था।

डॉ. चन्द्रवीर नारायण ने पीएचडी इंडियन स्कूल ऑफ माइंस धनबाद(आईआईटी धनबाद) के एनवायरोमेंटल साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग में डॉ. अंशुमाली के सुपरविजन में किया। इनका पीएचडी थीसिस टाइटल "दी स्टडी ऑन प्लांट डाइवर्सिटी इन ट्रॉपिकल डीसीडीयस फॉरेस्ट ऑफ बोकारो डिस्ट्रिक्ट, झारखण्ड, इंडिया" था। डॉ. चन्द्रवीर नारायण वर्तमान में उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर जिला के ग्रेटर नोएडा स्थित गौतम बुद्ध यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट ऑफ एनवायरोमेंटल साइंस(स्कूल ऑफ वोकेशनल स्टडीज एंड एप्लाइड साइंस) में अतिथि प्राध्यापक(गेस्ट फैकल्टी) हैं। जैव विविधता, पौधा पारिस्थितिकी, मृदा गुणवत्ता इत्यादि विषयों में इनकी विशेषज्ञता है। इसके अलावा डॉ. चन्द्रवीर सामाजिक-आर्थिक-राजनीतिक विषयों पर भी काफी सक्रिय रहते हैं और दबे-कुचले, ओबीसी की आवाज को प्रमुखता से उठाते रहे हैं और सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में भी पहचान स्थापित किये हुए हैं। डॉ. नारायण के अनुज सुजीत यादव जयनगर में रहते हैं तथा कांग्रेस के युवा नेता हैं। सामाजिक मुद्दों और ओबीसी, दलितों की आवाज को प्रमुखता से उठाते रहे हैं। वर्तमान में सुजीत यादव कांग्रेस के मधुबनी जिला सचिव, मानव सेवा संघ के अध्यक्ष तथा जयनगर रिक्शा-ताँगा यूनियन में भी महत्वपूर्ण ओहदे पर हैं। अन्य भाइयों का नाम चन्द्रमोहन यादव तथा गौरव कुमार उपाख्य शेखर है।

जयनगर से सुभाष सिंह यादव की रिपोर्ट।

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