बिहार : नीतीष कुमार के इस्तीफे की मांग पर वाम दलों का राज्यव्यापी प्रदर्शन - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 2 मार्च 2019

बिहार : नीतीष कुमार के इस्तीफे की मांग पर वाम दलों का राज्यव्यापी प्रदर्शन

बालिका गृह कांड में पाॅक्सो कोर्ट द्वारा मुख्यमंत्री पर जांच के आदेष के उपरांत इस्तीफे की कर रहे मांग. पटना में जीपीओ गोलबंर से बुद्ध स्मृति पार्क तक निकला मार्च,  सभी 6 वाम दलों के नेताओं-कार्यकर्ताओं ने लिया भाग., भाजपा मंत्री सुरेष षर्मा इस्तीफा दो!
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पटना 2 मार्च 2019, बालिका गृह कांड में मुजफ्फरपुर पाॅक्सो कोर्ट द्वारा मुख्यमंत्री नीतीष कुमार पर जांच के आदेष के मद्देनजर आज पूरे राज्य में वाम दलों के कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग पर विरोध-प्रदर्षन आयोजित किया. राजधानी पटना के अलावा जहानाबाद, अरवल, बिहारषरीफ, आरा, सिवान, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, गया, जमुई, पूर्णिया, समस्तीपुर आदि जगहों पर प्रतिवाद कार्यक्रम आयोजित किए गए और बालिका गृह कांड में निष्पक्ष जांच की गारंटी हेतु मुख्यमंत्री से तत्काल इस्तीफे की मांग की गई. इस कार्यक्रम का आयोजन बिहार के 6 वाम दलों भाकपा-माले, भाकपा, भाकपा-मा, एसयूसीआई-सी, आरएसपी व अखिल हिंद फारवर्ड ब्लाॅक ने संयुक्त रूप से किया था. पटना में वाम पंथी पाटियों के नेताओं-कार्यकर्ताओं ने आज जीपीओ गोलबंर से प्रतिवाद मार्च निकाला और स्टेषन गोलंबर होते हुए बुद्ध स्मृति पार्क पहुंचकर एक सभा का आयोजन किया. इसका नेतृत्व भाकपा-माले की केंद्रीय कमिटी सदस्य काॅ.मीना तिवारी, षषि यादव, अभ्युदय, रामबलि प्रसाद, नवीन कुमार, उमेष सिंह, सीपीआईएम के अरूण मिश्रा, रामपरी, सीपीआई के मोहन प्रसाद, रविन्द्र नाथ राय, आदि नेताओं ने किया. इस मौके पर इन संगठनों के दर्जनों कार्यकर्ता उपस्थित थे. वाम नेताओं ने अपने संबोधन में कहा कि जनांदोलनों के दवाब में बालिका गृह कांड की सीबीआई जांच तो हो रही है, लेकिन उसमें केवल छोटे लोगों को ही निषाना बनाया जा रहा है. पहले दिन से ही भाजपा-जदयू गठबंधन की सरकार असली अपराधियों को बचाने में लगी है. सुप्रीम कोर्ट ने बिहार की पूरी मषीनरी को कई बार फटकार लगाई है. फिर भी हालात सुधर नहीं रहा है. मधुबनी के बाद मोकामा के नाजरथ षल्ेटर होम से गवाहों को गायब करने की कोषिष की गई. जो बेहद निंदनीय है और सुप्रीम कोट को इस पर भी संज्ञान लेना चाहिए. कहा कि मामले की सुनवाई करते हुए मुजफ्फरपुर पाॅक्सो कोर्ट ने बिहार के मुख्यमंत्री के खिलाफ जांच का आदेष दिया है. किसी राज्य के लिए मुख्यमंत्री के लिए इससे बड़ी लज्जा का विषय और क्या हो सकता है? जाहिर सी बात है कि मुख्यमंत्री को अपनी जवाबदेही स्वीकारनी चाहिए. उनके मुख्यमंत्री पद पर बने रहते इस मामले की निष्पक्ष जांच संभव नहीं है. भाजपा कोटे के मंत्री सुरेषषर्मा का भी अभी तक इस्तीफा नहीं हुआ है. वाम नेताओं ने कहा कि आज बिहार में एक तरफ महिलाओं पर हिंसा, बलात्कार की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, नौजवानों को रोजगार नहीं मिल रहा है, षिक्षा व स्वास्थ्य का इंतजाम नहीं है. दूसरी ओर, हमारे ही घर के नौजवान, हमारे बेटे, पति, पिता, भाई सैनिकों की ष्षहादत पर वोट की राजनीति हो रही है. इसका हमें पर्दाफाष करना होगा. सैनिकों के नाम पर वोटों की राजनीति बंद होनी चाहिए. बिहार की मासूम गरीब, दलित, अनाथ बच्चियों पर अन्याय, बलात्कार और हिंसा के मामले में सरकार को जवाबदेही लेनी चाहिए और मुख्यमंत्री को तत्काल अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए. 

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