पूर्णिया : खुश्कीबाग के एक स्वीपर की बेटी पुष्पा बनी दारोगा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 10 मार्च 2019

पूर्णिया : खुश्कीबाग के एक स्वीपर की बेटी पुष्पा बनी दारोगा

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पूर्णिया : लोग अपने बच्चे को उंचे मुकाम तक पहुंचाने के लिए बेतहाशा पैसा खर्च करते हैं लेकिन यदि बच्चे मन की मुराद पूरा नहीं करें तो मायूसी हाथ लगती है। लेकिन जब किसी मजदूर वर्ग की बेटी किसी उंचे पद पर चयनित हो जाए तो उस मजदूर की खुशियों का कोई अंत नहीं होता है। कुछ ऐसा ही खुश्कीबाग रेलवे कॉलोनी के रहने वाले पुष्पा कुमारी ने कर दिखाया है। पुष्पा ने बिहार पुलिस के दारोगा की परीक्षा में अव्वल नंबर लाकर अपना दमखम दिखाया है। पुष्पा के पिता सुबोध मेहता रेलवे में स्वीपर का काम करते हैं और मां गीता देवी गृहिणी है। पुष्पा की दो बहन और एक भाई हैं। वह सबसे बड़ी है। पुष्पा ने बताया कि वह गरीब परिवार से होने से हमेशा आगे बढ़ने के लिए पढ़ाई में खूब मेहनत करती रही और बीपीएससी और अन्य प्रशासनिक तैयारी करने लगी। पुष्पा ने कहा उसने हमेशा देश और समाजसेवा की इच्छा रखी और पटना में दारोगा भर्ती के लिए परीक्षा में शामिल हुई। परिवार के लोगों ने उन्हें काफी सपोर्ट किया। जिस कारण वह आज दारोगा के लिए चयनित हुई है। पुष्पा ने कहा कि वह महिला सुरक्षा और गरीबों की मदद करना उनकी प्राथमिकता है। आम नागरिकों की सुरक्षा और कानून की रक्षा के लिए वह हमेशा आगे रहेगी। पुष्पा ने कहा दारोगा भर्ती से पहले उनके भाई सन्नी कुमार ने तैयारी और फिजिकल के लिए काफी मदद की। पुष्पा ने कहा वह वर्ष 2009 में मैट्रिक, 2011 में इंटर व वर्ष 2015 में नेशनल डिग्री कॉलेज रामबाग से स्नातक की परीक्षा पास की। उसके बाद से वह हमेशा तैयारी में जुट गई थी। जिसका परिणाम आज देखने को मिल रहा है। पुष्पा के पिता सुबोध और भाई सन्नी ने कहा पुष्पा बचपन से ही पढ़ाई में काफी मेहनत करती थी। पुष्पा की इच्छा को परिवार के लोगों ने जाना और आगे बढ़ने के लिए हमेशा प्रोत्साहित किया। बताया आज जो भी उपलब्धि हासिल हुई है वह पुष्पा के मेहनत का नतीजा है। परिवार के लोग सफलता का ताज पुष्पा को ही पहना रहे हैं। सबसे बड़ी बात तो यह है कि पुष्पा ने दारोगा की परीक्षा में बाजी मारी है साथ ही वह बीपीएससी की परीक्षा भी पास कर ली है। पुष्पा को दारोगा में चयनित होने से खुश्कीबाग में खुशी का माहौल है और बधाई देने वाले लगातार उनके घर पहुंच रहे हैं। 

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