अरुण कुमार (आर्यावर्त) समस्तीपुर के साथ साथ बेगुसराराय के कई इलाकों में अब से आधे घंटे पहले बड़े-बड़े (11:30 से 12 बजे) दोपहर मेंओले पड़े हैं। जबकि मौसम बिल्कुल साफ था। धूप भी खिला था। ओले पड़ने के बाद बादल घिर आए। फिर बारिश हुई। फिर ओले गिरने बंद हो गए। लगभग 5 मिनट तक ओलों का कहर जारी रहा। इससे कई एस्बेस्टस के छत वाले घरों और खपरैल घरों को काफी क्षति हुई है।सूत्रों के अनुसार सड़कों पर चलने वाली गाड़ियां व कई जगह खड़ी गाड़ियों के शीशे भी उनके चपेट में आने से नुकसान पहुंचा है। इतने बड़े ओलों को देख लोग काफी हैरत में है।आगे आपको बताते चलूँ की कुछ बचीं ने तो भगवानपुर में पत्थरों को चुन चुन कर शीशे के जार में रखे हैं।और रखें भी क्यों नहीं,इस वर्फ़ के पानी की सबसे बड़ी खासियत ये है कि आग से जलने पर इस पानी से पीड़ित स्थान को धो देने से फफोले नहीं आते और जख्म भी जल्दी भर जाते है।साथ ही जलन (दाह) से भी तत्काल राहत मिलती है।एक और बात बड़े ही आश्चर्य की है,वो ये है की इतने बड़े बड़े पत्थर भी मैं अपनी यादों में पहलीबार देखा हूँ जबकि एक एक पत्थर ढाई से ति किलो और कुछएक पत्थर तो 5/5 किलो के भी नजर आए हैं।मगर ऐसे पत्थर एकाध ही कहीं कहीं दिखे होंगे।शायद इसी को प्राकृतिक आपदा कहते हैं,प्रकृति कब क्या कहाँ और किस रूप में क्या कर देगी कहना मुश्किल है।वैसे आपको ये भी बताते चलूँ की आज के दिन ही बेगुसराराय से सीपीआई उम्मीदवार कन्हैया कुमार का नॉमिनेशन भी है,अब मौसम एकदम प्रतिकूल होने के कारण नॉमिनेशन की स्थिति क्या होगी ये भी बताना कठिन जान पड़ रहा है।
मंगलवार, 9 अप्रैल 2019
समस्तीपुर और बेगुसराय के भी कुछेक इलाकों में पड़े ओले
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