बिहार : आखिरकार लोकधर्मियों ने झांकी कर दिखाया - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 19 अप्रैल 2019

बिहार : आखिरकार लोकधर्मियों ने झांकी कर दिखाया

जब येसु को क्रूस पर सुलाकर हाथ और पैर को कील से ठोंका जाता है। उक्त दौरान पीड़ा से येसु चित्कार उठते हैं। इस दृश्य को देखकर और उनकी पीड़ादायक आवाज सुनकर भक्तगण भी रोने लगे। जो इस झांकी को उच्च से उच्चतर सीमा तक पहुंचा दी। 
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पटना,19 अप्रैल। आज विश्वभर में प्रभु येसु ख्रीस्त को सूली पर चढ़ाकर मारने देने का मातम दिवस गुड फ्राइडे मनाया जा रहा है। इस अवसर पर विशेष आयोजन कुर्जी पल्ली के लोकधर्मियों के द्वारा निर्मित झांकी आयोजन समिति के बैनर तले प्रभु येसु ख्रीस्त की क्रूस की कष्टमययात्रा को एक झांकी के रूप में शानदार ढंग से निकाला गया।विख्यात मिशनरी स्कूल लोयोला हाई स्कूल के परिसर से झांकी निकाली गयी। यहां के  रेक्टर ब्रदर माइकल के द्वारा प्रार्थना की गयी। प्रार्थना के पश्चात झांकी निकली। इसका संचालन पास्कल पीटर ओस्ता ने किया। यह धार्मिक यात्रा सुबह सात बजे निकली। राह में प्रार्थना एवं विभिन्न तरह के भक्तिगीत पेश किया गया। कुर्जी के कलाकारों द्वारा दृश्य प्रस्तुत करते हुए लोयोला हाई स्कूल से निकलकर कुर्जी मोड़ होते हुए मुख्य सड़क को पारकर कुर्जी चर्च परिसर में पहुंची। यहां पर पटना महाधर्मप्रांत के महाधर्माध्यक्ष विलियम डिसूजा ने प्रवचन व आशीर्वाद दिए।

झांकी आयोजन समिति के प्रचार-प्रसार प्रभारी विक्टर फ्रांसिस के अनुसार इस प्रकार की झांकी पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में आयोजित की जाती रही है। मगर कुछ वर्षों से गांधी मैदान में न करके कुर्जी पल्ली में आयोजित होने लगी। उन्होंने कहा कि पहली बार प्रभु येसु ख्रीस्त की यातनापूर्ण क्रूस की यात्रा के कुछ दृश्यों को मुख्य चैराहा एवं सड़क के किनारे दिखाया गया। जिसे कुर्जी के कलाकारों ने बेहद ही अनुठी ढंग से प्रस्तुत किए। प्रथम झांकी में ‘ प्रभु येसु ख्रीस्त को प्राणदंड की सजा दी जाती है।‘ यह दृश्य कलाकारों द्वारा लोयोला हाई स्कूल के मुख्य गेट पर प्रदर्शित किया गया। प्रार्थना, भक्ति गीत और दृश्य का समावेश देखने योग्य रहा। हजारों की संख्या में उपस्थित लोगों की आंखे नम हो गई। प्रभु येसु ख्रीस्त की भूमिका में विक्टर फ्रांसिस रहें। उन्होंने संसार के मुक्तिदाता प्रभु येसु ख्रीस्त की जीवंत भूमिका अदा करते समय अपने कंधे पर भारी भरकम क्रूस लेकर चले रहे थे। इस तरह के दृश्य शांतचित होकर लोग देख रहे थे। वहां से बढ़कर आगे आने पर कुर्जी चश्मा सेंटर गली के पास कुछ देर के लिए झांकी को रोककर दूसरा दृश्य ‘ प्रभु येसु ख्रीस्त क्रूस के नीचे गिरते हैं‘। इसे यहां दिखाया गया। तीसरा दृश्य ‘ प्रभु येसु ख्रीस्त‘ को अपनी माता से भेंट होती है।‘यह दृश्य कुर्जी मोड़ के पास दिखाया गया। चैथा दृश्य ‘सीमोन सिरीनी क्रूस ढोने में प्रभु येसु ख्रीस्त को सहायता करते हैं‘ यह दृश्य कुर्जी मोड़ एवं कुर्जी पुल के बीच भगेड़ा आश्रम के पास दिखाया गया। सड़क के किनारे खड़े होकर लोग झांकी देखकर भाव-विभोर हो रहे थे। पांचवा दृश्य ‘ बेरोनिका प्रभु येसु ख्रीस्त का चेहरा पोंछती हैं।यह दृश्य कुर्जी पुल के नीचे दिखाया गया। सड़क के किनारे खड़े सैकड़ों लोगों ने मनोरम दृश्य देखे। छठा दृश्य ‘येरूशलेम की स्त्रियां प्रभु येसु ख्रीस्त पर विलाप करती हैं।‘ यह दृश्य संत माइकल हाई स्कूल के मुख्य गेट के सामने प्रस्तुत किया गया। सातवां दृश्य ‘ प्रभु येसु ख्रीस्त एक बार पुनः क्रूस के नीचे गिरते हैं।‘ यह दृश्य कुर्जी चर्च के मुख्य गेट के पास दिखाया गया। 

झांकी आयोजन समिति के प्रचार-प्रसार प्रभारी विक्टर फ्रांसिस ने कहा कि एक से सात तक का दृश्य सड़क पर ही दिखाने का तयशुदा निर्णय के बाद प्रथम ‘येसु के वस्त्र उतारकर उन्हें क्रूस पर ठोका जाना और द्वितीय ‘येसु क्रूस पर अपना प्राण त्यागते हैं।‘इन दोनों को चर्च परिसर में निर्मित स्टेज पर शो किया गया। जब येसु को क्रूस पर सुलाकर हाथ और पैर को कील से ठोंका जाता है। उक्त दौरान पीड़ा से येसु चित्कार उठते हैं। इस दृश्य को देखकर और उनकी पीड़ादायक आवाज सुनकर भक्तगण भी रोने लगे। जो इस झांकी को उच्च से उच्चतर सीमा तक पहुंचा दी।  उन्होंने कहा कि झांकी के समापन पर पटना महाधर्मप्रांत के महाधर्माध्यक्ष विलियम डिसूजा ने ‘गुड फ्राइडे‘ संदेश दिया। येसु की अति कष्टमय क्रूस की यात्रा एवं क्रूस पर मृत्यु के अर्थ को समझाया। इस सामाजिक परिस्थिति में प्रभु येसु ख्रीस्त की शिक्षा को अपनाने एवं उनके द्वारा बताए गए मागों पर चलने की अपील की। कुर्जी पल्ली के कार्यकारी पल्ली पुरोहित सुसाई राज ने कलाकारों एवं समिति के सदस्यों को बधाई! दिए। अंत में विक्टर फ्रांसिस ने धन्यवाद ज्ञापन किया। प्रभु येसु ख्रीस्त की भूमिका में विक्टर फ्रांसिस, मरियम -रोजलीन, बेरोनिका - अंजलिका लुइस, मरियम मग्दलेना -अल्फा अलीसा,सिमोन -रोबिन जोसेफ व, ऋषि राज, सैनिक- निखिल किस्कु, दीपक प्रकाश, एलेन फ्रांसिस, श्वेतांग सोरेन, नीरज साह, निलेश खालखो,दीपक,राहुल, यहूदी स्त्री - बेरोनिका, आशा पीटर, मेरी टूडु, मोनिका जेम्स, यहूदी पुरूष-हाबिल व साइमन, डाकू -अनील और संजय।  झांकी आयोजन समिति में सहयोगी एवं कोर समिति के सदस्यगण हैं क्लारेंस हेनरी, शैलेश अंतुनी, संध्या ओस्ता, पास्कल पीटर ओस्ता, एस.के.लौरेंस, रौनी बर्नड, रोहित किस्कू, आलोक कुमार, सिरिल कुमार, नितेश आल्फ्रेड, आशा पीटर, शीला रोबिन के सहयोग से यह झांकी संपन्न हुआ।

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