इम्फाल, 08 अप्रैल, मणिपुर उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत गिरफ्तार पत्रकार किशोरचंद वांगखेम को रिहा करने का सोमवार को आदेश दिया। फेसबुक पेज पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, मणिपुर के मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की आलोचना करने के कारण पत्रकार को 27 नवंबर, 2018 को गिरफ्तार किया गया था। न्यायमूर्ति एल. जमीर और न्यायमूर्ति के. एच. नोबिन की खंडपीठ ने श्री वांगखेम को रहा करने का आदेश दिया। पत्रकार के वकील विक्टर ने बताया कि श्री वांगखेम को जेल से बाहर निकलने में कुछ समय लग सकता है। गृह मंत्रालय अदालत के फैसले पर आगे की कार्रवाई करेगा। उन्होंने बताया कि पत्रकार ने अपने फेसबुक पेज पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह और आरएसएस की आलोचना की थी। उसे तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया था। इसके बाद उसे रिहा कर दिया गया लेकिन इसके बाद उसे 27 नवंबर 2018 को रासुका के तहत गिरफ्तार कर लिया गया। पत्रकार की पत्नी रंजीता एलांगबम ने याचिका दायर करके न्यायालय से पति की रिहाई की मांग की थी। उसने याचिका में कहा था कि उसके पति का स्वास्थ्य दिन-ब-दिन बिगड़ रहा है अत: उन्हें रिहा किया जाये। अदालत ने चार मार्च को सुनवाई पूरी कर ली थी और फैसले को सुरक्षित रख लिया था। विपक्षी दल अभिव्यक्ति की आजादी पर दमन करार देते हुए पत्रकार की गिरफ्तारी को लेकर भाजपा सरकार की कड़ी आलोचना कर रहे थे। चुनाव के माहौल में पत्रकार का मसला चुनावी मुद्दा बन गया था।
मंगलवार, 9 अप्रैल 2019
रासुका के तहत गिरफ्तार पत्रकार को रिहा करने का आदेश
Tags
# देश
Share This
About आर्यावर्त डेस्क
देश
Labels:
देश
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Author Details
सम्पादकीय डेस्क --- खबर के लिये ईमेल -- editor@liveaaryaavart.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें