मैनपुरी, 19 अप्रैल, उत्तर प्रदेश का मैनपुरी जिला शुक्रवार को भारतीय राजनीति में करीब 24 सालों तक एक दूसरे के कट्टर प्रतिद्धंदी रहे समाजवादी पार्टी (सपा) संस्थापक मुलायम सिंह यादव और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती के मंच साझा किये जाने का गवाह बना। वर्ष 1995 में उत्तर प्रदेश की राजनीति में भूचाल लाने वाले गेस्ट हाउस कांड के बाद यह पहला मौका था जब इन दोनो नेताओं ने मंच साझा किया। इस ऐतिहासिक नजारे का गवाह बनने के लिये क्रिश्चियन ग्राउंड हजारों लोग की भीड़ से खचाखच भरा था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को केन्द्र की सत्ता से बेदखल करने के इरादे से सपा-बसपा की संयुक्त रैली में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, मायावती के भतीजे आकाश आनंद और बसपा महासचिव सतीश चन्द्र मिश्रा समेत कई दिग्गज मौजूद थे। इस मौके पर मैनपुरी से सपा उम्मीदवार मुलायम सिंह यादव ने भरी सभा में बसपा सुप्रीमो के प्रति आभार जताया जबकि मंच पर श्री मुलायम के आते ही सुश्री मायावती ने खड़े होकर उनका अभिवादन कर एक दूरगामी संदेश दिया। बसपा अध्यक्ष ने अपने संबोधन में गेस्ट हाउस कांड का जिक्र करते हुये कहा “ दो जून 1995 को हुए गेस्ट हाउस कांड के बाद भी लोकसभा चुनाव में गठबंधन का जवाब आप सभी चाहते होंगे। गेस्ट हाउस कांड के बाद भी सपा बसपा गठबंधन हुआ। कभी-कभी देशहित में ऐसे फैसले लेने पड़ते हैं। हम सांप्रदायिक ताकतों को रोकने के लिए एक साथ आए हैं। मैं आप लोगों से अपील करती हूं कि मुलायम सिंह यादव को वोट देे। ”
शनिवार, 20 अप्रैल 2019
दो दशक पुरानी दुश्मनी भुलाकर मुलायम माया एक मंच पर
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