स्वीप तहत साप्ताहिक गतिविधियांें का आयोजन
लोकसभा निर्वाचन-2019 के दरिम्यान जिले में अधिक से अधिक मतदाता अपने मतो का प्रयोग करंे इस बावत मतदाता जागरूकता के लिए स्वीप गतिविधियों के तहत हर रोज कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह के मार्गदर्शन में स्वीप गतिविधियों के क्रियान्वयन हेतु साप्ताहिक कैलेण्डर तय किया गया है जिसके अनुसार एक सप्ताह मेंे जिला स्तर, विधानसभा क्षेत्र स्तर एवं मतदान केन्द्र स्तर पर पृथक-पृथक गतिविधियांे का संचालन कर मतदाताओं को मतदान करने हेतु अभिप्रेरित किया जाएगा। एक से सात अपै्रल तक आयोजित होने वाले स्वीप गतिविधियों के संबंध में स्वीप के जिला नोडल अधिकारी एवं जिपं सीईओ आईएएस श्री मयंक अग्रवाल ने बताया कि पूरे सप्ताह में जिला स्तर पर युवा चला मतदान केन्द्र, मेगा ईवेन्ट्स स्वास्थ्य शिविर के माध्यम से जन-जन तक मतदान का संदेश पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा। इसी प्रकार के आयोजन पूरे सप्ताह जिले की प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र स्तर पर भी आयोजित किए जाएंगे। जिपं सीईओ श्री अग्रवाल ने बताया कि मतदान केन्द्र स्थल पर एक से सात अपै्रल के दरम्यिान युवा चला मतदान केन्द्र गतिविधियांे के अलावा ईव्हीएम तथा व्हीव्हीपैट की हेण्डस आॅन टेªनिंग मतदान केन्द्र स्तर पर आगंतुक मतदाताओं को दी जाएगी।
विज्ञापन प्रसारणों की अनुमति, आरो स्तर की एमसीएमसी से
लोकसभा निर्वाचन 2019 के दरिम्यान राजनैतिक दलों एवं अभ्यर्थियों के लिए प्रिन्ट एवं इलेक्ट्राॅनिक तथा सोशल मीडिया में प्रकाशित किए जाने वाले विज्ञापनों का आरो स्तर की एमसीएमसी से अनुमोदन प्राप्ति के उपरांत जारी करना होगा। निर्वाचन आयोग द्वारा संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत नाम निर्देशन प्राप्ति के लिए निर्धारित किए गए आरो को संसदीय क्षेत्र की एमसीएमसी समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है वही संबंधित जिले के जनसम्पर्क अधिकारी को समिति का सदस्य सचिव नियुक्त किया गया है। राजनैतिक दलो एवं अभ्यर्थीगणो के लिए विज्ञापनों का प्रमाणीकरण आरो स्तर की एमसीएमसी समिति से कराने हेतु आवेदन नियत समयावधि में प्रस्तुत करना होगा ताकि समिति के सदस्य सचिव द्वारा आरो के माध्यम से अनुमति प्राप्ति उपरांत आदेश की काॅपी प्रसारण हेतु संबंधित आवेदनकर्ता को तय अवधि में उपलब्ध कराई जा सकें। विदिशा कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने बताया कि संसदीय क्षेत्र 05 सागर से संबंधित विज्ञापनों के अनुमोदन हेतु आरो एवं सागर कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित एमसीएमसी को तथा संसदीय क्षेत्र 18 विदिशा के लिए अभ्यर्थियों तथा राजनैतिक दलों को प्रिन्ट, इलेक्ट्राॅनिक एवं सोशल मीडिया में प्रकाशित कराने वाले विज्ञापनों की बकायदा लिखित अनुमति प्राप्त करनी होगी इसके लिए संबंधित आवेदक अपने आवेदन आरो रायसेन कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित एमसीएमसी समिति के कार्यालय में अनुमति प्राप्ति हेतु आवेदन निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित अवधि में प्रस्तुत करना होगा। उल्लेखनीय है कि विदिशा कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी की अध्यक्षता मंे गठित एमसीएमसी समिति के द्वारा केवल मानिटरिंग की जाएगी। उक्त समिति द्वारा विज्ञापन प्रसारण संबंधी किसी भी प्रकार के आवेदन स्वीकार नही किए जाएंगे और ना ही अनुमति प्रदान की जाएगी। पूर्व उल्लेखित संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली विधानसभा क्षेत्र में विज्ञापन प्रसारण संबंधी आवेदनों की पूर्व अनुमतियां संबंधित जिले के आरो, कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित एमसीएमसी से प्राप्ति उपरांत प्रसारण कर सकेंगे।
मतदाताओं के घर पहुंचाई जाएगी मतदाता पर्ची
लोकसभा निर्वाचन-2019 में भी मतदाताओं की सुविधा के लिए फोटो वाली वोटर पर्ची के पीछे पोलिंग बूथ का नजरी नक्शा प्रिंट कराया जायेगा। आयोग के निर्देशानुसार वोटर पर्ची को बीएलओ द्वारा मतदाता के घर चुनाव की तिथि से पांच दिन पहले पहुंचाया जाएगा। निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार फोटो मतदाता पर्ची उसी भाषा में होगी जिस भाषा में उस निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची का प्रकाशन किया गया है। निर्वाचन आयोग के अनुसार मतदाताओं को मतदान के पहले घर-घर वितरित की जाने वाली मतदाता पर्ची के पीछे पोलिंग बूथ के नजरी नक्शा के अलावा, बूथ नम्बर, चुनाव की तिथि एवं समय, हेल्पलाइन नम्बर, बीएलओ का नाम एवं मोबाइल नम्बर सहित मतदाता के मार्गदर्शन हेतु महत्वपूर्ण सूचनाएं मुद्रित की जा सकेगी। वोटर पर्ची का प्रकाशन फोटोयुक्त वोटर लिस्ट के माध्यम से किया जाएगा ताकि मतदाता की फोटो में भिन्नता की स्थिति निर्मित न हो। वोटर पर्ची का वितरण बीएलओ द्वारा राजनैतिक दलों के बूथ लेवल एजेंट के साथ किया जाएगा ताकि किसी भी राजनैतिक दल को शिकायत का अवसर न मिल सके। सम्बन्धित निर्वाचन क्षेत्र के रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा पर्ची का वितरण कार्यक्रम निर्धारित किया जाएगा तथा कार्यक्रम की सूचना राजनैतिक दलों को भी दी जाएगी। चुनाव आयोग के निर्देशानुसार बीएलओ द्वारा इस वोटर पर्ची को संबंधित मतदाता को या परिवार के किसी वयस्क सदस्य को ही सौंपा जा सकेगा। वोटर पर्ची के वितरण को सुनिश्चित करने के लिए बीएलओ द्वारा एक रजिस्टर भी संधारित किया जाएगा। वितरण से शेष रह गई वोटर स्लिप को बीएलओ द्वारा अपने से संबंधित क्षेत्र के निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों को सौंपा जायेगा। निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी अवितरित फोटो वोटर स्लिप की वर्णानुक्रम में सूची तैयार करने के बाद उन्हें सीलबंद लिफाफे में सुरक्षित रख देंगे। निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी को मतदान केन्द्रवार वर्णानुक्रम में तैयार की गई अवितरित फोटो वोटर स्लिप की सूची की दो प्रतियां रिटर्निंग अधिकारी को भी सौंपना होगी। निर्वाचन आयोग ने कहा है कि निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों को बीएलओ द्वारा अवितरित फोटो वोटर स्लिप वापस कर दिये जाने के बाद इनका वितरण किसी भी स्थिति में नहीं किया जाना चाहिए। निर्वाचन आयोग के नये निर्देश के अनुसार बीएलओ द्वारा घर-घर पहुंचाई जाने वाली वोटर स्लिप के आधार पर इस लोकसभा चुनाव में वोट डालना संभव नहीं होगा। मतदाता को वोट डालने के लिए वोटर स्लिप के साथ वोटर आईडी कार्ड भी मतदान केन्द्र पर प्रस्तुत करना होगा। यदि मतदाता के पास फोटो वोटर आईडी कार्ड नहीं है तो इस स्थिति में उसे निर्वाचन आयोग द्वारा अधिसूचित 11 दस्तावेजों में से कोई एक फोटोयुक्त पहचान का दस्तावेज मतदान केन्द्र पर प्रस्तुत करने पर ही वोट डालने की अनुमति होगी।
च्ॅक् मोबाईल ऐप से दिव्यांगो को मतदान केन्द्र पर पहुंचने के लिये घर बैठे मिलेगी सुविधा
लोकसभा निर्वाचन-2019 में सभी दिव्यांग मतदाताओं के लिए चुनाव आयोग द्वारा दिव्यांग एप (च्ूक्े) लांच किया हैं। इस एप्लीकेशन को कोई भी दिव्यांग प्ले स्टोर से अपने एंड्राइड फोन पर आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं तथा अपने मतदाता परिचय पत्र के लिये ऑनलाईन आवेदन कर सकता हैं एवं अपने आप को मतदाता सूची में दिव्यांग के रूप में मार्किंग करवा सकता हैं। इस एप्लीकेशन में अन्य और भी कई फिचर हैं जैसे सर्च पोलिंग स्टेशन, बूथ लोकेटर, चैक स्टेटस् आदि। साथ ही इसमें सबसे महत्वपूर्ण च्ॅक् एप्लीकेशन में सबसे महत्वपूर्ण आप्शन व्हील चेयर की मॉग हैं। कोई भी दिव्यांग जो चलने फिरने में असमर्थ हैं अपने लिये घर बैठे अपने मोबाईल फोन से व्हील चेयर की भी मॉग कर सकता हैं।
दोपहिया वाहन पर लगाया जा सकेगा एक गुना आधा फीट का ध्वज
भारत निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि चुनावी प्रक्रिया के दौरान कोई भी व्यक्ति दोपहिया वाहन पर एक फीट गुणा आधा फीट का ध्वज लगा सकता है। लेकिन यदि इस पर उम्मीदवार का नाम या फोटो होगा तो वह उम्मीदवार के चुनाव खर्च में जुड़ेगा। इसी प्रकार किसी व्यक्ति द्वारा अपने वाहन पर एक या दो छोटे स्टीकर भी लगा सकता है। फ्लैग की स्टिक किसी भी दशा में 3 फीट से अधिक नहीं हो सकती है। आयोग के मुताबिक राजनैतिक दल के कार्यालय या उम्मीदवार के स्वयं के भवन पर अधिकतम तीन झंडे लगाए जा सकते हैं। रोड शो के दौरान प्रत्येक 10 वाहनों के उपरांत 100 मीटर का अंतराल रखना आवश्यक है। यदि कोई वाहन इसका उल्लंघन करता है तो उसको संपूर्ण चुनावी प्रक्रिया तक के लिए जप्त किया जा सकता है। रोड शो के दौरान बैनर की अधिकतम साइज 4 फीट गुणा 6 फीट हो सकती है। आयोग ने चुनाव प्रचार में वाहनों के उपयोग के बारे में कहा है कि यदि कोई व्यक्ति प्राइवेट व्हीकल पर स्वयं के लिए ध्वज या स्टीकर लगाकर चलता है तो यह आचार संहिता का उल्लंघन नहीं है। लेकिन यदि वह किसी अन्य के समर्थन में ध्वज को लगाए हुए हैं तो इस पर भारतीय दंड संहिता की धारा 171 एच के प्रावधान लागू होंगे। कमर्शियल वाहन की दशा में स्वयं के वाहन पर भी ध्वज लगाने के लिए रिटर्निंग अधिकारी की अनुमति लेना आवश्यक होगी। इसी प्रकार यदि वाहन में सामान्य किस्म का मॉडिफिकेशन किया जाता है जो मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 52 के तहत है तो वह अनुमन्य है लेकिन इससे किसी दूसरे को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होना चाहिए। आदर्श आचार संहिता के दौरान यदि कोई प्रत्याशी या राजनैतिक दल कैप मास्क या स्कार्फ का वितरण करता है तो इसे आचार संहिता का उल्लंघन नहीं माना जाएगा बशर्ते प्रत्याशी द्वारा इस हेतु खर्चे के संबंध में सूचना दे दी गई हो। परंतु यदि प्रत्याशी या पार्टी द्वारा मुख्य वस्त्र जैसे साड़ी या शर्ट वितरित की जाती है तो यह आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन होगा।
वोटर लिस्ट में अपना नाम ढूंढने के लिए एसएमएस करें या कॉल करें
लोकसभा निर्वाचन-2019 में सिर्फ वही लोग मतदान कर सकेगे जिनका नाम मतदाता सूची में दर्ज होगा। किसी व्यक्ति का नाम वोटर लिस्ट में है कि नहीं इस बात की पुष्टि करने के लिए कोई भी व्यक्ति वोटर हेल्पलाइन 1950 नम्बर पर फोन लगाकर जानकारी ले सकता है। इसके अलावा वोटर हेल्पलाइन एप डाउनलोड कर भी इस संबंध में जानकारी प्राप्त की जा सकती है। इसके अलावा किसी व्यक्ति को यदि अपना ईपिक नम्बर याद है तो वह 1950 नम्बर पर अपना ईपिक नम्बर एसएमएस कर जानकारी ले सकता है। भारत निर्वाचन आयोग का नेशनल वोटर सर्विस पोर्टल एनव्हीएसपी भी मतदाताओं के लिए अत्यन्त उपयोगी है। इस एप के माध्यम से ही मतदाता सूची में अपना नाम कोई भी व्यक्ति ढूंढ सकता है तथा इसी पोर्टल के माध्यम से मतदाता सूची में यदि नाम नही है तो नाम जोड़ने की कार्यवाही भी सम्पन्न की जा सकती है।
चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थी को खर्च का सही व स्पष्ट लेखा रखना होगा
भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को चुनाव खर्च का सही-सही व स्पष्ट लेखा रखना और निर्धारित समय सीमा में प्रस्तुत करना अनिवार्य है। आयोग के निर्देशानुसार उम्मीदवार के निर्वाचन व्यय लेखा का शेडो व्यय लेखा रजिस्टर रिटर्निंग अधिकारी की ओर से तैयार किया जाएगा। आयोग के निर्देशों में कहा गया है रिटर्निंग अधिकारियों को अपने निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव लड़ रहे प्रत्येक अभ्यर्थी के लिए सभी प्रकार की आवश्यक अनुमतियों की एक नस्ती संधारित करनी होगी। अर्थात् क्षेत्र में जितने उम्मीदवार चुनाव मैदान में होंगे उतनी नस्तियां संधारित करनी होगी। रिटर्निंग अधिकारियों को यह भी ध्यान रखना होगा कि कार्यालय में जब भी किसी अभ्यर्थी का कोई आवेदन किसी भी प्रकार की अनुमति हेतु प्राप्त होता है तो उस आवेदन में प्रत्येक मद में होने वाले खर्च का स्पष्ट विवरण होना चाहिए साथ ही समस्त मदों को मिलाकर कुल कितना खर्च उक्त अनुमति में उल्लेखित कार्य करने में आयेगा उसका उल्लेख भी स्पष्ट रूप से होना चाहिए। यदि किसी आवेदन में खर्च का उल्लेख नहीं है तो वह आवेदन पूर्ण नहीं माना जाना चाहिए। यह भी उल्लेखनीय है कि आवेदित अनुमति के कार्य पर किया जाने वाला खर्च स्वयं अभ्यर्थी, अभ्यर्थी का कोई समर्थक, पार्टी इत्यादि में से भले ही कोई भी वहन करे लेकिन आवेदन में सभी मदों का पृथक-पृथक खर्च एवं कुल खर्च का उल्लेख होना आवश्यक है। निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार जनसभा में पंडाल, मंच, बैठने की कुर्सियां, कालीन झंडे, माइक, लेबर, परिवहन इत्यादि-इत्यादि समस्त आवश्यक मदों के खर्चों का उल्लेख होना चाहिए। सभी मदों का समुचित उल्लेख होने के उपरांत ही कानून व्यवस्था इत्यादि दृष्टिगत उचित पाये जाने पर अनुमति प्रदाय करनी चाहिए। इसी प्रकार यदि कोई अभ्यर्थी जुलूस इत्यादि निकालने की अनुमति मांगता है तो आवेदन में स्पष्ट रूप से जुलूस में सम्मलित होने वाले प्रत्येक वाहन, पी.ओ.एल. वाहन में उपयोग होने वाले माइक, झंडे, पोस्टर, बैनर एवं अन्य जो भी प्रचार सामग्री संभव हो सकती है उसका विवरण एवं जुलूस के स्पष्ट मार्ग इत्यादि के उल्लेख के साथ प्रत्येक मद के खर्च एवं कुल खर्च बताते हुए पेश आवेदन ही मान्य किया जाना चाहिए। बिना खर्च बताये दिये आवेदनों पर कोई अनुमति जारी नहीं हो सकती। अभ्यर्थी द्वारा प्रचार हेतु वाहनों की अनुमति चाही जाने पर आवेदन में वाहन का प्रति दिन का किराया पी.ओ.एल. वाहन पर लगे ड्रायवर की मजदूरी, वाहन में लगे माइक का किराया, प्रचार सामग्री का विवरण एवं उन समस्त मदों पर आने वाले व्यय की मदवार जानकारी के साथ प्रतिदिन के कुलव्यय का उल्लेख होना चाहिए और यदि वाहन की अनुमति एक से ज्यादा दिन के लिए है तो जितने दिनों के लिए अनुमति है उतने दिनों में उक्त प्रचार वाहन पर होने वाले कुल खर्च का उल्लेख भी आवेदन में अनिवार्य होना चाहिए।
होर्डिंग्स-बैनर की अनुमति लेनी होगी
अभ्यर्थियों द्वारा प्रचार के लिए जगह-जगह कट आउट, होर्डिंग्स, बैनर व झंडे भी लगाये जाते है, ये भी बिना अनुमति के नहीं लग सकेंगे। जहां-जहां पर उपरोक्त में से किसी भी प्रचार माध्यम का प्रयोग किया जायेगा, वहां उस पर आने वाला प्रतिदिन का खर्च एवं कुल खर्च का उल्लेख आवेदन में होने पर ही आवेदन पर विचार किया जाना चाहिए। यहां भी उल्लेखनीय है कि कोई भी अभ्यर्थी किसी प्रायवेट व्यक्ति के मकान, दुकान या परिसर से किसी प्रकार का कोई प्रचार करना चाहता है तो उसको सर्वप्रथम उस संबंधित व्यक्ति से उक्त परिसर पर प्रचार सामग्री लगाने अथवा दीवार पर लिखने के लिए लिखित सहमति लेनी होगी और उसके बाद उक्त स्थान पर लिखने, झंडे-बैनर लगाने की अनुमति खर्च बताते हुए प्राप्त करनी होगी। संबंधित अधिकारी से अनुमति प्राप्त होने के बाद ही अभ्यर्थी मकान पर लेखन या झंडा-बैनर या पोस्टर या कट आउट लगा सकेगा अन्यथा की स्थिति में या तो प्रकरण संपत्ति विरूपण में आयेगा या लेखा में उचित जानकारी न देने का प्रकरण बनेगा। वर्णित स्थितियों से हटकर भी बहुत सारी अन्य स्थितियां हो सकती हैं। यह बारीकी से देखना है कि चुनाव प्रचार का कोई भी कार्य बगैर किसी खर्च के संपन्न नहीं होता और चुनाव प्रचार में किसी अभ्यर्थी के पक्ष में खर्च करने वाला अभ्यर्थी से भिन्न व्यक्ति भी हो सकता है परंतु बिना अनुमति के एवं बिना अभ्यर्थी की सहमति के उक्त व्यय नहीं हो सकता तथा ऐसे समस्त खर्च का हिसाब बिना पेश किए तथा अनुमति प्राप्त किये ऐसा कोई कार्य कराना अभ्यर्थियों के लिए अनुमत नहीं है। प्रत्येक उपरोक्त प्रकार की गतिविधि एवं अन्य संभावित चुनाव प्रसार की गतिविधि की वीडियो रिकार्डिंग व्ही.एस.टी. द्वारा की जाएगी।
मतदान दिवस पर सार्वजनिक अवकाश घोषित
मतदान के दिन श्रमिकों, मजदूरों, कर्मचारियों को अवैतनिक अवकाश देने के निर्देश
कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने निर्वाचन आयोग द्वारा जारी आदेश का हवाला देते हुए बताया कि लोकसभा चुनाव के लिए लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में होने वाले मतदान के तिथि 12 मई को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है। लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में मतदान की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कामगारों को सवैतनिक अवकाश मंजूर किया जाएगा। लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में आने वाले सभी कारोबार, व्यवसाय, औद्योगिक उपक्रम या किसी अन्य स्थापना में नियोजित प्रत्येक व्यक्ति को, चाहे वह दैनिक मजदूर या केजुअल (आकस्मिक) श्रमिक श्रेणी का ही हो तथा जो लोकसभा निर्वाचन में मतदान करने का हकदार है, उसे मतदान हेतु सवैतनिक अवकाश की पात्रता होगी। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के तहत जारी इस आदेश में कलेक्टर ने कहा है कि मतदान के लिए सवैतनिक अवकाश मंजूर किये जाने के कारण श्रमिकों या कामगारों की मजदूरी से कोई कटौती या कमी नहीं की जायेगी। यदि कोई व्यक्ति ऐसे कार्यों में नियोजित है, जिसकी अनुपस्थिति से कोई खतरा या सारवान हानि हो सकती हो, तो उस पर यह प्रावधान लागू नहीं होगा। फिर भी ऐसे व्यक्तियों को भी मतदान हेतु बारी-बारी से सुविधा प्रदान की जाना चाहिए, किन्तु यह ध्यान रहे कि यह सुविधा इस प्रकार की हो कि वह अपने मताधिकार का प्रयोग कर सके। किसी नियोजक द्वारा यदि उक्त प्रावधान का उल्लंघन किया जाता है, तो उस पर 500 रुपये तक जुर्माना तथा उसके विरुद्ध भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के अन्तर्गत भी दण्डात्मक कार्यवाही की जा सकेगी। इसमें एक माह तक के कारावास अथवा जुर्माने या दोनों से ही दण्डित किया जा सकता है।
बिना लाइन में लगे वोट डाल सकेंगे दिव्यांग मतदाता, मतदान कक्ष तक व्हीलचेयर से जाने की अनुमति भी होगी
लोकसभा चुनाव में अधिक से अधिक दिव्यांग मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग कर सकें इसके लिए निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार जिले में विशेष व्यवस्थायें की जा रही हैं। दिव्यांग मतदाताओं के लिए प्रत्येक मतदान केन्द्र में जहां रैम्प बनाये गये हैं, वहीं चिन्हित मतदान केन्द्रों पर व्हीलचेयर अथवा ट्राइसाइकिल की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। प्रत्येक मतदान केन्द्र पर दिव्यांग मतदाताओं की सहायता के लिए स्थानीय स्वयंसेवी युवाओं को दिव्यांग मित्र नियुक्त किया जायेगा। जिला निर्वाचन कार्यालय के अनुसार दिव्यांग मतदाताओं को मतदान में किसी तरह की असुविधा न हो इसके लिए उन्हें विशेष छूट देते हुए तीन पहिया वाहन सीधे मतदान कक्ष तक जाने की अनुमति दी जायेगी। दिव्यांग मतदाताओं को बिना कतार में लगे सीधे मतदान करने की अनुमति भी होगी। मतदान केन्द्रों पर तैनात किये जा रहे मतदान कर्मियों को भी मतदान में दिव्यांगों की सहायता के निर्देश दिये गये हैं। ऐसे मतदाता जिनके पास दिव्यांग मतदाता वाली पर्ची होगी उसे मतदान कक्ष तक ले जाने के निर्देश मतदान कर्मियों को दिये गये हैं। जिला निर्वाचन कार्यालय के अनुसार ऐसे मतदान केन्द्रों पर जहां मूक-बधिर मतदाताओं की संख्या अधिक है वहां सांकेतिक भाषा के विशेषज्ञों को नियुक्त किया जायेगा। जबकि ऐसे मतदान केन्द्र जहां नेत्रहीन मतदाताओं की संख्या अधिक है वहां ईव्हीएम और व्हीव्हीपेट मशीनों के बारे में मार्गदर्शिका उपलब्ध कराई जायेगी। इन मतदान केन्द्रों पर दिव्यांग मतदाताओं की सहायता के लिए ब्रोललिपि में डमी बैलेट पेपर भी रखे जायेंगे। नेत्रहीन मतदाताओं को मतदान में सहायता के लिए सहायक रखने की अनुमति भी होगी। इसके साथ ही ईव्हीएम मशीनों की बैलेट यूनिट में ब्रोललिपि में दर्ज उम्मीदवार क्रमांक की सहायता से भी नेत्रहीन मतदाता वोट डाल सकेंगे। जिला निर्वाचन कार्यालय के मुताबिक ऐसे मतदान केन्द्रों जहां दिव्यांग मतदाताओं की संख्या अधिक है वहां दिव्यांग मतदाताओं को मतदान केन्द्र तक आने-जाने के लिए वाहन सुविधा भी उपलब्ध कराई जायेगी। दिव्यांग मतदाताओं के अलावा निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार बुजुर्ग मतदाताओं और गर्भवती मतदाताओं के लिए भी विशेष व्यवस्थायें की गई हैं। ऐसे मतदाता भी बिना लाइन में लगे सीधे मतदान कर सकेंगे।
निर्वाचन व्यय का लेखा-जोखा रखने में सहायता के लिए अभ्यर्थी, कर सकेंगे अतिरिक्त निर्वाचन एजेंट की नियुक्ति
भारत निर्वाचन आयोग ने चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों के निर्वाचन पर होने वाले खर्च का दैनिक लेखा-जोखा रखने में अपनी सहायता हेतु एक अतिरिक्त निर्वाचन एजेंट (निर्वाचन व्यय अभिकर्ता)की नियुक्ति की अनुमति दी है। हालांकि आयोग ने स्पष्ट किया है कि यदि किसी व्यक्ति को संसद या विधान मण्डल का सदस्य होने अथवा चुने जाने के अयोग्य घोषित किया गया है तो ऐसे व्यक्ति को अभ्यर्थी द्वारा अतिरिक्त निर्वाचन एजेंट के रूप में नियुक्त नहीं किया जाना चाहिए। निर्वाचन आयोग ने राज्य या केन्द्र के मंत्री, संसद सदस्य, विधायक, पार्षद, स्थानीय निकायों के मेयर, अध्यक्ष या सभापति को भी अतिरिक्त एजेंट के रूप में नियुक्त करने पर रोक लगाई है। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि अभ्यर्थी द्वारा नियुक्त अतिरिक्त निर्वाचन एजेंट केवल असांविधिक कार्यों के निष्पादन के लिए ही होते हैं। अतिरिक्त एजेंट, अभ्यर्थी की ओर से नियुक्त निर्वाचन एजेंट की तरह कर्त्तव्य निष्पादित करने के लिए प्राधिकृत नहीं होंगे।
नाम निर्देशन-पत्र के साथ एक अतिरिक्त फोटो देना होगा
भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार लोकसभा निर्वाचन में अभ्यर्थियों को नाम निर्देशन-पत्र के साथ एक अतिरिक्त फोटो देना होगा। इस फोटो का उपयोग ईव्हीएम में उपयोग होने वाले मतपत्र में किया जायेगा। यदि नाम निर्देशन-पत्र के साथ अभ्यर्थी द्वारा अतिरिक्त फोटो नहीं दिया जाता है, तो नाम निर्देशन-पत्र में लगाये गये फोटो को स्कैन कर मतपत्र में मुद्रित किया जायेगा।
उम्मीदवारों को आपराधिक प्रकरण की जानकारी समाचार पत्र एवं चैनलों में प्रसारित करानी होगी
सामान्य को 25 हजार एवं अनु.जा. एवं जनजाति के प्रत्याशी को 12500 की राशि जमा करनी होगी
कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने भारत निर्वाचन आयोग के जारी आदेशो का हवाला देते हुए बताया कि अभ्यर्थियों को नाम निर्देशन-पत्र के साथ दो अतिरिक्त फोटो देने होगें। इन फोटो का उपयोग ईव्हीएम में उपयोग होने वाले मतपत्र में किया जायेगा। आयोग के दिशा निर्देशानुसार अभ्यर्थियों द्वारा जो छायाचित्र दिए जाए वह स्पष्ट हो। उन्होंने बताया कि चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को आपराधिक प्रकरण की जानकारी तीन समाचार पत्रों एवं तीन समाचार चैनलों में अलग-अलग तिथियों में प्रसारित एवं प्रकाशित करानी होगी। कलेक्टर श्री सिंह ने बताया कि लोकसभा निर्वाचन हेतु भारत निर्वाचन आयोग ने निर्देश दिए है कि मतदान के दिन मतदाताओं को फोटोयुक्त मतदाता पहचान पर्ची के साथ फोटोयुक्त मतदाता पहचान पत्र लाना आवश्यक होगा। मतदाता पहचान पत्र न लाने की स्थिति में मतदाता को आयोग द्वारा निर्धारित 11 दस्तावेजों में से एक दस्तावेज लाना होगा।
उम्मीदवारों को पृथक से बैंक खाता खुलवाना होगा
जिला निर्वाचन अधिकारी श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने बताया कि लोकसभा निर्वाचन हेतु चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार को नाम निर्देशन पत्र प्रस्तुत करने से दो या तीन दिन पूर्व बैंक में पृथक से खाता खुलवाना होगा। इसी खाते से चुनाव के दौरान राशि खर्च की जाएगी। कलेक्टर श्री सिंह ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी दिशा निर्देशानुसार नाम निर्देशन पत्र प्रस्तुत करते समय सामान्य वर्ग के उम्मीदवार को 25 हजार की राशि, जबकि अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के उम्मीदवारों को 12 हजार 500 रूपए की राशि निक्षेप राशि के रूप में जमा करनी होगी। अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी श्री वृदावंन सिंह ने बताया कि उम्मीदवार तीन से अधिक वाहन का उपयोग नहीं कर सकेंगे। 100 मीटर के अंदर नाम निर्देश पत्र के दौरान उम्मीदवार सहित पांच से अधिक लोग प्रवेश नहीं कर सकेंगे। ज्ञातव्य हो कि निर्वाचन आयोग द्वारा जारी कार्यक्रम अनुसार संसदीय क्षेत्र 05 सागर के लिए नाम निर्देशन पत्र प्राप्ति हेतु आरो एवं कलेक्टर सागर को इसी प्रकार संसदीय क्षेत्र क्रमांक 18 विदिशा हेतु नाम निर्देशन पत्र प्राप्ति के लिए आरो एवं कलेक्टर रायसेन के समक्ष नियत तिथि एवं समय पर नाम निर्देशन पत्र दाखिल कर सकेंगे।
सी-विजिल एप्प से आम नागरिक भी कर सकते हैं आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायतें
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लोकसभा निर्वाचन-2019 में जागरूक नागरिकों के लिए आदर्श आचरण संहिता के उल्लंघन की शिकायतों के लिए मोबाइल एंड्रायड एप्प का निर्माण किया गया है। जिसके तहत जागरूक नागरिक आदर्श आचरण संहिता के उल्लंघन की सीधी रिपोर्ट मोबाइल के माध्यम से भेज सकते हैं। जिसके आधार पर कार्यवाही हेतु बनाई गई उड़नदस्ता टीमों के द्वारा उसकी समय सीमा में रिपोर्टिंग की जाकर संबंधित क्षेत्र के निर्वाचन अधिकारी द्वारा साक्ष्य आधारित समय सीमा में शिकायत पर निर्णय लेने में इस एकीकृत आईटी एप्लीकेशन का उपयोग किया जाएगा। इसमें शिकायत रजिस्टर्ड होने पर एक शिकायत की यूनिक आईडी नागरिक शिकायतकर्ता हेतु जनरेट होगी, जिसके माध्यम से वह अपनी शिकायत की स्थिति का भी पता कर सकेगा। इस एप्प के माध्यम से सिर्फ आदर्श आचरण संहिता से संबंधित शिकायत ही दर्ज की जा सकेंगी। जिसमें शिकायतकर्ता द्वारा वीडियो-फोटो के माध्यम से शिकायत दर्ज कराई जाएगी। सुविधा, सुगम एवं समाधान एप्प के तहत विभिन्न प्रकार के आवेदन जो अभ्यर्थी या राजनैतिक दल द्वारा दिए जाएंगे उनका निराकरण समय सीमा में किया जाएगा।
प्रशिक्षण एक से चार अपै्रल तक
कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने बताया कि जिले की पांचो विधानसभाओं में नियुक्त पीठासीन अधिकारियों एवं मतदान अधिकारी क्रमांक-एक के लिए विकासखण्ड स्तर पर प्रशिक्षण आयोजित किए जा रहे है। उक्त प्रशिक्षण एक से चार अपै्रल के दरम्यिान विदिशा जिले की पांचो विधानसभाओं में एक साथ आयोजित किए गए है। अपर कलेक्टर एवं प्रशिक्षण प्रकोष्ठ के नोडल अधिकारी श्री वृदांवन सिंह ने बताया कि विकासखण्ड स्तरों पर आयोजित होने वाले उक्त प्रशिक्षणों में संबंधित विधानसभा क्षेत्र के नियुक्त किए गए पीठासीन अधिकारी के साथ-साथ मतदान दल अधिकारी क्रमांक एक प्रशिक्षण में शामिल होंगे।
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